जोशीमठ आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के प्रयास तेज

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सरकार ने केंद्र से मांगे 2 हजार करोड़

क्रासर—कुल 357 परिवारों को दिया जाएगा मुआवजा
अब तक 6 परिवारों को 1.39 करोड़ दिया

देहरादून। जोशीमठ आपदा प्रभावितों की मदद के लिए राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार से दो हजार करोड़ के आर्थिक पैकेज की मांग की गई है। सरकार को उम्मीद है कि जल्द ही उसे केंद्र सरकार से पैसा मिल जाएगा, जिससे बेघर हुए लोगों का पुनर्वास किया जा सकेगा।
इस आशय की जानकारी आपदा सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम द्वारा देते हुए बताया गया कि यूं तो जोशीमठ आपदा प्रभावितों की मदद में सरकार पहले ही दिन से जुटी हुई है, लेकिन प्रभावितों के पुनर्वास पर सरकार को खर्च करने के लिए अधिक धन की जरूरत थी। उन्होंने कहा कि जोशीमठ आपदा की जांच और रिसर्च में जुटे सभी संस्थानों और एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर पीड़ितों की मदद का ग्राफ तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी विभागों की रिपोर्ट के बाद सरकार ने आपदा प्रभावितों की मदद और जरूरतों के अनुसार रिपोर्ट तैयार की गई है तथा केंद्र सरकार को आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए 2 हजार करोड़ का प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार (पीएमओ) को भेजा गया है सरकार को जैसे ही केंद्र से मुआवजा पैकेज मिलेगा, प्रभावितों का पुनर्वास कार्य तेजी से शुरू हो सकेगा।
उन्होने बताया कि राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत राज्य सरकार द्वारा बेघर लोगों को मुआवजा दिया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि जोशीमठ में भू धंसाव की जद में आए लोगों को राज्य सरकार ने अब तक 6 परिवारों को 1.39 करोड़ रुपया उनके पुनर्वास के लिए दिया जा चुका है। 3 मार्च को 3 परिवारों को 65 लाख और 7 मार्च को तीन अन्य परिवारों को करीब 74 लाख रूपये का मुआवजा दिया जा चुका है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि जिन परिवारों को मुआवजा दिया जाना है उनकी संख्या 357 है जिसमें से अभी सिर्फ 6 परिवारों को मुआवजा दिया गया है। जोशीमठ आपदा प्रभावितों को किसी भी तरह की समस्याओं का सामना न करना पड़े इसके लिए सरकार ने इन्हें पहले सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया व उनके रहने खाने की व्यवस्था की। सरकार द्वारा इनके लिए 15 प्रीफैबरीकेटेड हॅट निर्माण का काम भी शुरू किया गया था लेकिन यह अभी तक पूरा नहीं हो सका है। वही सरकार इनके विस्थापन के लिए भी सुरक्षित स्थान तलाशने में जुटी है। अब देखना यह है कि केंद्र सरकार से कब तक पैकेज स्वीकृत होता है और कितनी मदद मिल पाती है।

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