अगले 4 दिनों में भारी बारिश व बर्फबारी संभव
150 एमएल बारिश व 4 से 6 फुट तक बर्फबारी
प्रभावितों के साथ प्रशासन की भी नींद उड़ी
देहरादून। जोशीमठ आपदा प्रभावितों की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। आपदा ने बेघर कर दिया और मौसम की मार के अलर्ट ने उनकी चिंताओं को और अधिक बढ़ा दिया है। मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट के अनुसार प्रभावित क्षेत्र में 23 जनवरी से लेकर 27 जनवरी तक भारी बारिश और बर्फबारी होने की संभावना जताई गई है।
उल्लेखनीय है कि इस आपदा के कारण अब तक 449 घरों को खाली कराया जा चुका है जिनमें रहने वाले एक हजार के आसपास लोग राहत शिविरों में समय काट रहे हैं जबकि लगभग 900 घरों में दरारे आ चुकी है। अगर मौसम खराब होने के कारण अन्य लोगों को भी घर छोड़ने पड़ते हैं तो इन लोगों के आवास और खाने पीने की व्यवस्था करने की गंभीर चुनौती जहां शासन प्रशासन के सामने खड़ी हो जाएगी वही दरारों को चौड़े होने से खतरे का दायरा भी बढ़ सकता है। हालांकि जिला प्रशासन द्वारा सिंचाई विभाग की रिटेनिंग वाल बनाने व दरारों को भरने का काम भी किया जा रहा है लेकिन भारी बारिश और बर्फबारी के कारण आपदा विकराल रूप ले सकती है।
प्रशासन की कोशिश है कि पहले से ही खतरे की जद में आए सभी घरों को खाली करा लिया जाए जिससे जानमाल का नुकसान न हो लेकिन इसके साथ ही बेघर लोगों को सुरक्षित स्थान और आवास मुहैया कराने तथा उनके लिए जरूरी सामान की व्यवस्था करने की बड़ी जिम्मेदारी है। आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 4000 से अधिक घर पंजीकृत हैं जिनमें से 889 घरों में दरारे आई है जबकि 449 घरों को खाली कराया गया है। मौसम विभाग का कहना है कि इस दौरान क्षेत्र में डेढ़ सौ मिलीमीटर बारिश हो सकती है तथा 4 से 6 फुट तक बर्फ गिर सकती है मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह का कहना है कि खराब मौसम के कारण आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बड़ा नुकसान हो सकता है उन्होंने प्रभावित क्षेत्र को खाली कराने का सुझाव दिया है। मौसम विभाग की इस चेतावनी के बाद जहां प्रभावितों के चेहरों पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं वहीं जिला प्रशासन व आपदा प्रबंधन विभाग की चिंताओं को बढ़ा दिया है। खास बात यह है कि आपदा ग्रस्त क्षेत्र में जहां दरारे लगातार चौड़ी हो रही है वही बद्रीनाथ हाईवे भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है।