घबराने की नहीं सतर्क रहने की जरूरत

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चीन, अमेरिका, जापान और फ्रांस तथा ब्रिटेन सहित तमाम अन्य देशों से आ रही कोरोना संक्रमण के फिर से बढ़ने की खबरें निश्चित तौर पर चिंता का विषय है। तीन साल पहले इस महामारी का मुख्य केंद्र और स्रोत रहे चीन और उसका बुहान शहर की भले ही आज तक स्थिति स्पष्ट न हो सकी हो लेकिन वर्तमान में चीन से सबसे अधिक डराने वाली तस्वीरें और खबरें आ रही है लेकिन अपनी सूचनाओं को साझा न करने वाला चीन आज भी इन खबरों का खंडन कर रहा है। विश्व भर में अभी भी 2 करोड़ से अधिक लोग कोरोना के संक्रमण की मार झेल रहे हैं जिससे यह साफ होता है कि कोरोना अभी समाप्त नहीं हुआ है। यही बात कल प्रधानमंत्री मोदी ने भी यह कहते हुए देशभर में जरूरी एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए। अगर चीन की वास्तविक स्थिति यही है जो सामने आ रही है तो विश्व राष्ट्रों के लिए यह एक अत्यंत ही चिंता का विषय है क्योंकि इसके प्रसार में बहुत ज्यादा लंबा वक्त नहीं लगेगा। दो साल तक कोरोना की मार झेल चुके लोगों को जैसे तैसे एक साल से कुछ राहत मिल पाई थी और वह अपने दर्द को भुलाकर फिर अपना जीवन सामान्य स्थिति में ला रहे थे। या यह कहा जा सकता है कि उन्होंने कोरोना काल की सतर्कता और पाबंदियों को उतार कर फेंक दिया है अब अगर कोविड—19 का नया वैरीयंट जिसे वी एफ 7 के नाम से जाना जा रहा है, लोगों को अपनी जद में ले रहा है तो यह बहुत जल्द ही विश्व के तमाम देशों को अपनी जद में ले सकता है। बताया जा रहा है कि इस संक्रमण के फैलने की रफ्तार तो तेज है ही साथ ही हाई इम्यूनिटी भी इसे रोकने में सक्षम नहीं है कुछ विशेषज्ञों द्वारा तो आने वाले 3 माह में चीन की 60 से 70 फीसदी आबादी के इसकी जद में आने और 27 लाख लोगों की मौत होने तक की संभावनाएं जताई गई हैं। अगर यह संभावनाएं सच साबित होती है तो इसका प्रभाव चीन तक ही सीमित नहीं रहेगा भारत सहित विश्व के तमाम राष्ट्र भी इससे प्रभावित हुए बिना नहीं रहेंगे। दरअसल इस महामारी के कारण पूर्व समय में भारत, ब्रिटेन, अमेरिका और फ्रांस सहित तमाम देश इतना कुछ झेल चुके हैं कि अब कोई भी इस स्थिति को दोबारा देखने और झेलने को तैयार नहीं है यही कारण है कि अब इसकी आहट मिलने के साथ ही सभी देश इसके मुकाबले के लिए अपनी स्वास्थ्य सेवाओं को और पुख्ता करने के साथ—साथ तमाम तरह की सावधानियां बरतकर इस समस्या से बचने पर मंथन कर रहे हैं। भारत के लोगों को भी फिर से मास्क पहनने, भीड़भाड़ वाले आयोजनों से दूर रहने और टीकाकरण कराने पर ध्यान देने को कहा गया है। फिर से देशभर में टेस्टिंग बढ़ाई जा रही है तथा ट्रीटमेंट की मजबूत व्यवस्था बनाई जा रही है। लेकिन आने वाले नए साल के दो—तीन महीने इसके दृष्टिकोण से अति महत्वपूर्ण रहने वाले होंगे जिनमें वी एफ 7 के संक्रमण का प्रकोप बढ़ने की संभावनाएं जताई जा रही है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि सतर्कता और सावधानी से इसके खतरे व प्रभाव को कम किया जा सकता है।

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