‘‘वॉश’’ के सहयोग से जल स्वच्छता और स्वच्छता में नवाचार सम्मेलन और प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी

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देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से वीरवार को एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ कॉलेज ऑफ इंडिया, हैदराबाद के निदेशक(वित्त) विनोद अचंता और श्री साई किरन ने मुलाकात की। उन्होंने राज्यपाल को जल स्वच्छता और स्वच्छता में नवाचार कार्यक्रम ‘वॉश’ (Water, Sanitation, Hygiene ) के सम्बन्ध में अभी तक किये गये कार्यों की जानकारी उपलब्ध करायी। ‘‘वॉश’’ तेलंगाना सरकार के नगर प्रशासन और शहरी विकास, द्वारा स्टार्टअप्स/इनोवेटर्स, अकादमिक संस्थानों, गैर-लाभकारी संस्थाओं के बीच सहयोग और साझेदारी के लिए स्थापित किया गया है। 2019 में लॉन्च किये गये ‘‘वॉश’’ ने कई गतिविधियों का संचालन किया है और वर्तमान में स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबन्धन के क्षेत्र में उत्तराखण्ड के सहयोगी संस्था के रूप में कार्य किये जाने की प्रक्रिया में है।

प्रतिनिधियों द्वारा विगत दिनों में शासन के उच्चाधिकारियों से मुलाकात की गयी है और कई स्थानों का भ्रमण भी किया गया है। उन्होंने राज्यपाल को विभिन्न स्तरों पर अपनी मुलाकात व भ्रमण की जानकारी उपलब्ध करायी। उन्होंने अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, सचिव श्री नितेश झा, और अपर सचिव श्री सविन बंसल से मुलाकात कर इस प्रोजेक्ट के लिए उनके सकारात्मक सहयोग की सराहना की और जल्द ही इसे उत्तराखण्ड में लागू करने की बात कही।

इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि इस तरह के नवाचार उत्तराखण्ड के लिए बेहद उपयोगी रहेगें। उन्होंने कहा कि हमारे सामने जल स्वच्छता, प्लास्टिक और ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन चुनौती के रूप में है जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड को साफ-स्वच्छ रखने के लिए यह प्रोजेक्ट महत्वपूर्ण हो सकता है। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा मार्गों में ‘‘वॉश’’ के अभिनव टॉयलेट मॉडल को लागू किया जा सकता है। जिसके अंतर्गत यात्रियों को यात्रा मार्गों में एक ही स्थान पर शैल्टर, कैफे और टॉयलेट की सुविधा प्राप्त हो सकेगी।

उन्होंने कहा कि ‘‘वॉश’’ के सहयोग से जल स्वच्छता और स्वच्छता में नवाचार सम्मेलन और प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी। इसमें स्वच्छता से संबंधित सभी हितधारकों को बुलाकर नवाचारों के बारे में जानकारी दी जाएगी और उपयुक्त नवाचारों को लागू किया जायगा। राज्यपाल ने कहा कि इसमें सभी एनजीओ और अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ कॉलेज ऑफ इंडिया के निदेशक प्रो0 श्रीनिवास चारी और वाइस एडमिरल(रि0) अनिल कुमार चावला की इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका बताई और उनका आभार व्यक्त किया।

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