जड़ी—बूटी दिवस के रूप में मनाया गया आचार्य बालकृष्ण का जन्मदिन

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मुख्यमंत्री ने की रामदेव व बालकृष्ण के कामों की प्रशंसा

हरिद्वार। पंतजलि योगपीठ में आज आचार्य बालकृष्ण के 51 वे जन्मदिवस को जड़ी—बूटी दिवस के रूप में मनाया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा मुख्य अतिथि के रूप में दीप प्रज्वलित कर किया गया। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण जैसे कर्म योगियों ने देश और समाज के उत्थान के लिए योग और आयुर्वेद के क्षेत्र में असाधारण काम किया गया तथा किया जा रहा है उनकी व्याख्या कर पाना संभव नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मैं आचार्य बालकृष्ण को उनके जन्मदिन के अवसर पर उनकी दीर्घायु की कामना करते हुए इन कर्म योगियों को नमन करता हूं। उन्होंने आयुर्वेद को भारतीय चिकित्सा की सबसे पुरानी पद्धति बताते हुए कहा कि आदि काल से आयुर्वेद औषधियों का भारत में प्रचलन रहा है आयुर्वेदिक औषधियों में असाध्य से असाध्य रोगों को ठीक करने की सामर्थ्य शक्ति है, हमारे ग्रंथों में अनेक ऐसे उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि समाज के स्वास्थ्य और राष्ट्र के विकास में आयुर्वेद की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
इस अवसर पर राज्यपाल गुरमीत सिंह के अलावा काबीना मंत्री सुबोध उनियाल, धन सिंह रावत, संजय गुप्ता, प्रेमचंद्र अग्रवाल सहित तमाम बड़े साधु—संत मौजूद थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर बालकृष्ण की एक पुस्तक का विमोचन किया जिसमें 5000 दुर्लभ जड़ी बूटियों के बारे में जानकारियां संग्रहित की गई है। इस अवसर पर स्वामी रामदेव ने कहा कि आचार्य बालकृष्ण द्वारा जड़ी बूटियों के लिए जो अनुसंधान कार्य किए गए हैं वह अद्भुत हैं।

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