अब यात्रियों को वापस नहीं लौटाया जाएगा

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जिलाधिकारी से वार्ता के बाद व्यापारियों का आंदोलन खत्म

उत्तरकाशी/सोनप्रयाग। केदार धाम तथा गंगोत्री व यमुनोत्री जाने वाले चारधाम यात्रियों को अब आधे रास्ते से वापस नहीं लौटाया जाएगा। यह खबर उन चारधाम यात्रियों जिन्हें उत्तरकाशी व सोनप्रयाग से वापस लौटाया जा रहा था के लिए तो खुशखबरी है ही, इसके साथ ही उन व्यापारियों के लिए भी अहम है जो इसका विरोध कर रहे थे।
उल्लेखनीय है कि पंजीकरण को लेकर यात्रियों को केदारनाथ के निकटवर्ती पड़ावो से लौटाया जा रहा था हर रोज दो से तीन हजार यात्रियों को वापस लौटाए जाने से यात्रियों में भारी आक्रोश था उनका कहना था कि जिला प्रशासन द्वारा उन्हें दर्शनों से रोका जा रहा है। देश के कोने से हजारों किलोमीटर की यात्रा कर आने वाले यात्रियों का कहना था कि सरकार की गलत नीतियों और जानकारी न दिए जाने से उन्हें जो परेशानी हो रही है वह अलग है लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी बिना देव दर्शन के उन्हें वापस लौटाया जाना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता है। यात्रियों ने इसका काफी विरोध भी किया था।
यात्रियों की वापसी से स्थानीय व्यापारियों को भी भारी नुकसान हो रहा था होटल व गेस्ट हाउस की बुकिंग कैंसिल हो रही थी जिसके विरोध में व्यापारियों ने बाजार बंदी कर दी थी। जिला प्रशासन से उनकी मांग थी कि रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता को समाप्त किया जाए तथा यात्रियों को वापस न लौटाया जाए। जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग के साथ होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों की वार्ता के बाद यह भरोसा दिया गया है कि अब चारधाम यात्रियों को वापस नहीं लौटाया जाएगा। अगर धामों में क्षमता से अधिक भीड़ होगी तो उन्हें यात्रा मार्गों के पड़ावों पर रोका जा सकता है इसके लिए अतिरिक्त व्यवस्था की जाएगी। जिसके बाद सोनप्रयाग के व्यापारियों ने अपना अनिश्चितकालीन बाजार बंद का निर्णय वापस ले लिया है। व्यापारियों ने ऋषिकेश व हरिद्वार में भी यात्रियों को न रोके जाने की मांग की है।

जोशीमठ बाजार बंद
जोशीमठ। बद्रीनाथ धाम का प्रमुख विश्राम स्थल जोशीमठ है लेकिन प्रशासन द्वारा व्यापारियों का उत्पीड़न किए जाने से परेशान कारोबारियों द्वारा आज पूरा बाजार बंद रखा गया जिससे यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है। जानकारी के अनुसार स्थानीय प्रशासन ने बीते कल 1 दर्जन से अधिक दुकानदारों के चालान काट दिए थे जिसके विरोध में आज व्यापारियों ने पूरा बाजार बंद रखा। समाचार लिखे जाने तक प्रशासन व्यापारियों को समझाने—बुझाने व बाजार खुलवाने के प्रयासों में जुटा था।

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