प्रीतम और गोदियाल नहीं आए नजर
संगठन और सोच में बड़े बदलाव की जरूरत
देहरादून। कांग्रेस अपने नव संकल्प कार्यक्रम के जरिए वर्तमान की समस्याओं का हल ढूंढने में जुटी हुई है। अभी बीते दिनों नेशनल कांग्रेस द्वारा राजस्थान में आयोजित कार्यक्रम में भविष्य की रणनीति और वर्तमान की चुनौतियों पर गंभीर चिंतन मंथन किया गया था। अब इस कार्यक्रम को जमीन पर उतारने के लिए राज्य स्तर पर भी नव संकल्प शिविरों के जरिए प्रयास किया जा रहा है।
दून में आज कांग्रेस के इस दो दिवसीय नव संकल्प शिविर का आगाज हुआ है। इस अवसर पर मौजूद प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव का कहना है कि राजस्थान के शिविर में कांग्रेस ने जिन संकल्पों के आधार पर आगे बढ़ने का निर्णय लिया उन संकल्पों का क्रियान्वयन किस तरह किया जाना चाहिए इस शिविर में इस मुद्दे पर चिंतन मंथन किया जाएगा। उनका कहना है कि कांग्रेस युवाओं को पार्टी से जोड़ने और कार्यकर्ताओं को पार्टी के लिए समर्पित भाव से काम करने पर बल दे रही है। पिछले कुछ सालों से पार्टी को चुनावों में जिस तरह असफलताओं से दो—चार होना पड़ रहा है उसके कारणों पर भी विचार किया जाएगा।
कांग्रेस अब इस सच्चाई को स्वीकार कर चुकी है कि निचले स्तर पर पार्टी का आधार कमजोर ही नहीं हुआ है, लगभग समाप्त हो चुका है। वही बड़े स्तर पर पार्टी की असफलताओं के कारण युवा नेतृत्व का पार्टी से मोहभंग हो चुका है और वह पार्टी का साथ इसलिए छोड़ रहे हैं क्योंकि उन्हें कांग्रेस में अब अपना कोई बेहतर भविष्य नजर नहीं आ रहा है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस जब तक ग्रास रूट पर काम नहीं करेगी तब तक स्थिति में सुधार की कोई संभावना नहीं देखी जा सकती है। लेकिन यह काम एक दो महीने या एक दो साल में नहीं हो सकता है इसमें लंबा समय लगेगा जिसके लिए धैर्य और संयम की जरूरत है।
बात अगर आज दून में आयोजित होने वाले शिविर की ही की जाए तो इसमें दो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और गणेश गोदियाल की अनुपस्थिति कांग्रेस के आंतरिक हालात का हाल कहने के लिए काफी हैं। प्रीतम सिंह खुद को पहले प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी और फिर नेता विपक्ष की कुर्सी से हटाए जाने के बाद से नाराज चल रहे हैं उनके अनुसार उनके खिलाफ कांग्रेस के कुछ नेता षड्यंत्र के तहत उन्हें नीचा दिखाने में लगे हुए हैं।
कांग्रेस के इस नव संकल्प से क्या हासिल होता है यह तो समय ही बताएगा लेकिन जिस धर्मनिरपेक्षता का झंडा पकड़कर काग्रेस हमेशा सत्ता में बनी रही उसे अब अपने संगठनात्मक ढांचे और सोच में बड़े परिवर्तन की जरूरत है। शिविर में पूर्व सीएम हरीश रावत, नवप्रभात, नेता विपक्ष यशपाल आर्य, प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा सहित तमाम लोग मौजूद है।