July 23, 2024नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आम बजट पेश कया। मोदी सरकार के 3.0 कार्यकाल के पहले बजट में महिला, किसान, युवा को केंद्र में रखा गया है। निर्मला सीतारमण सातवीं बार अपना बजट बतौर वित्त मंत्री पेश कर रही है जिसमें उन्होंने कई अहम घोषणाएं की। टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट बढ़ा दी है। इसे 50 हजार से बढ़ाकर 75000 रुपये सालाना कर दिया है। यह बदलाव न्यू टैक्स रिजीम के तहत किया गया है।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स को लेकर बड़ा ऐलान किया है। स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ ही टैक्स स्लैब में भी बदलाव किया गया है। यह बदलाव न्यू टैक्स स्लैब रेट में हुआ है। अब 15 लाख से ज्यादा इनकम होने पर 30 फीसदी का टैक्स लागू होगा।न्यू टैक्स रिजीम के तहत नए टैक्स स्लैब के मुताबिक, अगर किसी की इनकम 7 लाख से ज्यादा होती है तो उसे 3 लाख सालाना इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। वहीं 3 से 7 लाख सालाना इनकम पर 5 प्रतिशत, 7 से ज्यादा और 10 लाख तक के सालाना इनकम पर 10 प्रतिशत, 10 लाख से ज्यादा और 12 लाख तक की सालाना इनकम पर 15 प्रतिशत, 12 लाख से ज्यादा और 15 लाख तक इनकम पर 20 फीसदी और 12 लाख से ज्यादा सालाना इनकम पर 30 प्रतिशत टैक्स लागू होगा।0-3 लाख पर 0 प्रतिशत टैक्स3-लाख से ज्यादा और 7 लाख पर 5% टैक्स7 लाख से ज्यादा और 10 लाख पर 10% टैक्स10 लाख से ज्यादा और 12 लाख पर 15% टैक्स12 लाख से ज्यादा और 15 लाख पर 20% टैक्स15 लाख से ज्यादा सालाना इनकम पर 30 प्रतिशत टैक्सनोट- इसमें स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार सालाना से बढ़ाकर 75000 रुपये सालाना कर दिया गया है। इसका मतलब है कि 7.75 लाख सालाना इनकम होने पर भी आपको न्यू टैक्स रिजीम के तहत कोई भी टैक्स नहीं देना होगा।
July 23, 2024किसी ने भी इस बात की कल्पना नहीं की होगी कि 18वीं लोकसभा चुनाव के परिणाम अपेक्षित नहीं रहे तो भाजपा नेताओं का संयम इस कदर डांवाडोल हो जाएगा कि वह एक के बाद एक हड़बड़ी में इतनी बड़ी—बड़ी गड़बड़ी करते चले जाएंगे जो भाजपा के हर कदम में मुश्किल है बढ़ाते जाएंगे। सच यह है कि इसकी शुरुआत चुनाव प्रचार के दौरान ही हो गई थी जब भाजपा के नेता चुनावी मुद्दों से भटक कर इधर—उधर के मुद्दों के जरिए जनता का ध्यान भटकाने की कोशिशों में जुटे हुए थे और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा द्वारा यह कहा गया था कि भाजपा को अब संघ के सहयोग की कोई जरूरत नहीं है। चुनावी नतीजों में भाजपा को उत्तर प्रदेश में बड़ी हार मिलने पर जब पार्टी के शीर्ष नेताओं के बीच तकरार शुरू हुई तो भाजपा नेताओं का मानसिक संतुलन और भी डांवाडोल हो गया। योगी को सीएम पद से हटाने की मुहिम के बीच बाबा का वह बुलडोजर भी आ गया जिसने उनकी राजनीति को सबसे ज्यादा चमक प्रदान की थी। अभी उनके द्वारा कावड़ यात्रा मार्गों पर दुकानदारों की पहचान के बोर्ड लगाने का जो फैसला लिया गया जिसे हड़बड़ी में गड़बड़ी वाला फैसला बताया जा रहा था उस पर अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाए गए स्टे से भी यह साफ हो गया है कि यह फैसला हड़बड़ी में गड़बड़ी वाला ही था। इसके बाद केंद्र की एनडीए सरकार द्वारा संसद के पहले ही सत्र में 50 साल पूर्व लागू की गई इमरजेंसी को लेकर जो प्रस्ताव लाया गया जिसमें 25 जून को लोकतंत्र की हत्या दिवस मनाए जाने की बात कही गई है इससे देश की समस्याओं और विकास से कुछ लेना—देना नहीं है जिसे गड़बड़ इसलिए कहा जा सकता है कि अब देश में एक दिन संविधान का और लोकतंत्र का स्थापना दिवस मनाया करेंगे और एक दिन लोकतंत्र की हत्या का दिवस मनाया करेंगे। बात यहीं समाप्त होने वाली नहीं है सत्ता में बैठे लोग लगातार कुछ ऐसे ही फैसले लेते जा रहे हैं। राज्यसभा में उत्तराखंड के सांसद नरेश बंसल द्वारा संविधान से इंडिया शब्दों को हटाए जाने का प्रस्ताव लाया गया है जिसमें इंडिया शब्द को गुलामी का प्रतीक बताया गया है। सवाल इस बात का है कि देश में इंडिया गठबंधन बनने से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इंडिया के वोट मांगते रहे हैं। वह स्वयं प्राइम मिनिस्टर ऑफ इंडिया तो है ही इसके साथ ही उनके द्वारा खेलो इंडिया, मेक इन इंडिया जैसे स्लोगन भी स्वयं ही तो गाड़े गए थे। बीते 10 साल में भाजपा के नेताओं को इंडिया शब्द से कभी गुलामी की बू क्यों नहीं आई जो अब वह संविधान में संशोधन कर इंडिया शब्द को हटाने की बात कर रहे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान हमने देखा था कि पीएम मोदी इंडिया गठबंधन को कैसे इंडी नाम से संबोधित करते थे। सवाल यह है कि अब इंडिया से भाजपा को इतनी कड़वाहट व नफरत क्यों है? हो सकता है सत्ता में बैठे लोग बहुत जल्द हड़बड़ी में ऐसा कुछ कर डाले क्योंकि राज्यसभा में यह मुद्दा यूं ही नहीं उठाया गया है। कल अचानक सरकार द्वारा संघ पर लगा वह 66 साल पूर्व प्रतिबंध हटा लिया गया है जो सरकारी कर्मचारियों को संघ के कार्यक्रमों में जाने की इजाजत नहीं देता था। दरअसल भाजपा के नेता इस चुनावी परिणाम से इतने असहज दिखाई दे रहे हैं कि वह कब क्या करें उन्हें खुद समझ नहीं आ रहा है। सरकार कब चली जाएगी इसका उन्हें कतई भरोसा नहीं है इसलिए हड़बड़ी में लगातार गड़बड़ियां होती जा रही है। पहले संघ को नाराज किया अब खुश करने की कोशिश हो रही है मगर हड़बड़ी में की जाने वाली इन गड़बड़ियों से हालात सुधरने की बजाय और खराब हो रहे हैं।
July 23, 2024नैनीताल। कालाढूंगी—नैनीताल मार्ग पर देर शाम आमने—सामने हुई दो कारों की भिड़त में एमबीबीएस के छात्र की मौत हो गयी है। जो उत्तराखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता का बेटा बताया जा रहा है। जबकि कार सवार अन्य लोगों को हल्की फुल्की चोटें आई हैं।जानकारी के अनुसार घटना बीती शाम करीब 6 बजे की है। तल्लीताल निवासी अवनीश शाह बीती शाम अपनी कार से कालाढूंगी से नैनीताल की ओर जा रहा था। जब वह मंगोली के समीप पहुंचा ही था कि बैंड में सामने से आ रही पर्यटकों की कार से उसकी कार की जबरदस्त भिड़ंत हो गई। हादसे में कार चला रहा अवनीश बुरी तरह जख्मी हो गया। हादसे के बाद राहगीरों ने स्थानीय लोगों की मदद से किसी तरह घायल अवनीश को कार से बाहर निकाला और दूसरे वाहन से कालाढूंगी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे. जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मंगोली चौकी इंचार्ज भूपेंद्र सिंह मेहता ने बताया कि दूसरी कार को हरिनगर दिल्ली निवासी करन मलिक चला रहे थे। जिसमें अन्य तीन लोग सवार थे, अन्य लोगों को मामूली चोटें आई है। फिलहाल मामले में कोई शिकायत नहीं मिली है, कालाढूंगी पुलिस द्वारा शव के पंचनामा और पोस्टमॉर्टम की कार्रवाई की जा रही है। बता दें कि मृतक अवनीश शाह के पिता उत्तराखंड हाईकोर्ट में अधिवक्ता हैं. जबकि माता नैनीताल के मोहनलाल शाह बालिका विघा मंदिर में शिक्षिका हैं। युवक की मौत के बाद से परिवार में कोहराम मचा हुआ है।
July 23, 2024उधमसिंहनगर। घर में चल रहे सैक्स रैकेट का खुलासा करते हुए एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल ने तीन महिलाओें सहित नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। टीम द्वारा मौके से संचालिका, उसकी बहन और एक महिला दलाल के साथ छह ग्राहकों को गिरफ्तार किया है। जबकि पांच महिलाओं को रेस्क्यू किया गया है।एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल उधमसिंह नगर को कुछ समय से सूचना मिल रही थी कि ट्रांजिट कैंप थाना क्षेत्र में एक महिला द्वारा अपने घर में जिस्मफरोशी का धंधा चलाया जा रहा है। जिस पर टीम ने आजाद नगर ट्रांजिट कैंप स्थित उस घर में छापेमारी की गई तो मौके पर कमरों के अंदर कुछ महिलाएं और पुरुष आपत्तिजनक स्थिति में मिले। जिसके बाद टीम ने मौके से 3 महिलाओं और 6 पुरुषों को गिरफ्तार किया. जबकि पांच पीड़ित महिलाओं का रेस्क्यू कर परिजनों के सुपुर्द किया गया। तलाशी के दौरान टीम को 6500 रुपए कैश और आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई। पूछताछ में पीड़ित महिलाओं ने बताया की संचालिका, उसकी बहन और एक अन्य महिला उनकी मजबूरी का फायदा उठाकर उन लोगों को पैसे का लालच देते हुए उनसे अनैतिक काम कराती है।
July 22, 2024देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में समान नागरिक संहिता (यू.सी.सी) लागू करने की तैयारियों के सबंध में सचिवाल में बैठक ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में यूसीसी लागू करने के लिए इसके अधीन संचालित होने वाली प्रक्रियाओं एवं नियमों को समयबद्धता के साथ अंतिम रूप दिया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि यूसीसी के प्राविधानों को व्यवस्थित रूप से संपादित किये जाने के लिए गठित उप समिति के कार्यों एवं विभिन्न विभागों के स्तर पर की जाने वाली कार्यवाही को भी शीघ्र अंतिम रूप दिया जाए। उन्होंने इस संबंध में विभिन्न स्तरों पर होने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शीघ्रता से पूर्ण करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूसीसी को विधिवत लागू किये जाने से पूर्व सभी पहलुओं का गहनता एवं सजगता से अध्ययन किया जाए। मुख्यमंत्री ने कह कि यूसीसी के बारे में व्यापक स्तर पर जन जागरूकता भी लाई जाए। इसके लिए सभी संबंधित विभाग समन्वय के साथ कार्य करें।यूसीसी के प्राविधानों को लागू करने के लिए गठित समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह ने जानकारी दी गई कि इस सबंध में तीन उप समितियों का गठन किया गया। नियमों की रूपरेखा तैयार करने के लिए गठित उप समिति की अब तक 43 बैठकें हो चुकी हैं, जो 31 अगस्त 2024 तक अपनी रिपोर्ट देगी। नियमों के कार्यान्वयन में सुगमता और पारदर्शिता के लिए गठित उप समिति की 20 बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं, यह उप समिति भी 31 अगस्त 2024 तक अपनी रिपोर्ट देगी। क्षमता विकास और प्रशिक्षण के लिए बनाई गई उप समिति भी 30 सितम्बर 2024 तक अपनी रिपोर्ट देगी। बैठक में बताया गया कि यूसीसी से संबंधित प्राविधानों को प्रभावी ढ़ग से क्रियान्वित किये जाने के लिए विभिन्न विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, प्रमुख सचिव न्याय प्रदीप पंत, डीजीपी श्री अभिनव कुमार, विभिन्न विभागों के सचिव, समिति के सदस्यगण एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
July 22, 2024राज्य में भारी बारिश से जनजीवन अस्त—व्यस्त अब तक दो दर्जन से अधिक मौतें जरूरी सामान की आपूर्ति भी मुश्किल देहरादून। उत्तराखंड के आसमान से हो रही आफत की बारिश ने आमजन जीवन को अस्त—व्यस्त कर दिया है। पहाड़ दरक रहे हैं, सड़के बंद है, नदी नाले उफान पर है और सब कुछ अपने साथ बहा ले जाने पर आमादा है। ताबड़तोड़ बारिश के कारण स्कूल—कॉलेज और आंगनबाड़ी केंद्रो को बंद करना पड़ा है। लोगों तक जरूरी सामान की आपूर्ति भी मुश्किल हो रही है।बीते कल मौसम विभाग द्वारा सूबे के 3 जिलों में बारिश का रेड अलर्ट व चार जिलों में आरेंज तथा तीन जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया था। राज्य के लगभग सभी जिलों में हो रही भारी बारिश के कारण हालत अत्यंत ही गंभीर बने हुए है। राज्य के तमाम नेशनल हाईवे सहित 123 सडके मलवा आने या भारी बारिश के कारण बंद पड़ी है। अब तक आसमानी आफत के कारण दो दर्जन से अधिक लोगों की जाने जा चुकी हैं तथा लाखों हेक्टेयर भूमि भूस्खलन के कारण खराब हो चुकी है।गंगोत्री—यमुनोत्री हाईवे सहित बद्रीनाथ राजमार्ग भी कई जगह मलवा वह बोल्डर आने से बाधित हो गया है। वही केदारनाथ हाईवे की स्थिति भी कई जगह अत्यंत ही खतरनाक बनी हुई है यह बात अलग है कि लोग जान हथेली पर रखकर अभी भी धाम तक पहुंच रहे हैं। आज सावन के पहले सोमवार के दिन यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। गंगोत्री व यमुनोत्री हाइवे पर भारी वाहनों की अवाजाही पर रोक लगाई गई है वहीं देहरादून—मसूरी मार्ग पर भारी वाहन पर रोक है। उधम सिंह नगर, बागेश्वर, चंपावत व पिथौरागढ़ में भारी बारिश के कारण स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रो में अवकाश घोषित कर दिया गया है।राज्य की तमाम नदियों ने रौद्र रूप धारण कर रखा है चमोली में अलकनंदा और पिंडर नदियों का जलस्तर लोगों को डरा रहा है तो बागेश्वर के सरयू व पिथौरागढ़ में काली नदी सहित अन्य नदियों ने तांडव मचा रखा है। बीते कल से रुड़की और लक्सर में भारी बारिश के कारण कांवड़ियों को दिक्कतें हो रही है। नदियों के किनारे की बस्तियों ंका खतरा भी लगातार बढ़ता जा रहा है क्योंकि अभी 2 दिन तक राज्य में भारी बारिश होने की संभावना है। जिससे नदियों का जलस्तर बढ़ सकता है और मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो सकती है।