हमारे संवाददाता बिलासपुर। एंटी करप्शन ब्यूरो का आफिसर बन कर 70 लाख रूपये की ठगी करने वाले एक शातिर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी कई महीनों से छत्तीसगढ़ से फरार था जो धर्मनगरी हरिद्वार(उत्तराखण्ड) में रह तंत्र मंत्र की साधना कर रहा था।
जानकारी के अनुसार ओडिशा के मयूरगंज जिला अंतर्गत तेतुलिंगा निवासी 28 वर्षीय पल्लवी पांडा साल 2016 में होम्योपैथी की पढ़ाई कर रही थी। इस दौरान वह नेहरू नगर के गणेश चौक स्थित रेकी सेंटर में उपचार पद्धति सीखने के लिए जाने लगी। रेकी सेंटर के संचालक थानेश्वर प्रसाद शर्मा ने उसे खुद को एंटी करप्शन ब्यूरो का अफसर बताया। उसने युवती और उसके पिता को मेडिकल ऑफिसर पद पर नौकरी लगाने का झांसा दिया। जिस पर युवती व उसके परिजनों नेे झांसे में आकर, आरोपी को 9 लाख रुपए दे दिए, लेकिन उसने नौकरी नहीं लगवाई। इसके बाद आरोपी पैसे लेकर फरार हो गया। बताया जा रहा है कि इससे पहले भी आरोपी ने इसी तरह से जबड़ापारा निवासी कॉलेज संचालक अशोक कुमार पांडेय के परिवार के सदस्यों को शासकीय नौकरी लगाने का दावा किया था और 15 लाख रुपए की ठगी की घटना को अंजाम दिया था। जिसके बाद पुलिस ने दोनों मामलों में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी थी। इस दौरान पुलिस ने उसके दुर्ग के मोहननगर और सकरी के ठिकानों में भी दबिश दी लेकिन वह फरार हो गया था।
बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले बिलासपुर से एक प्रशासनिक अफसर अपने परिवार के साथ टूर पर उत्तराखंड आये हुए थे। इस दौरान उन्होंने हरिद्वार के शांतिकुंज आश्रम में ठग को देखकर पहचान लिया और पुलिस को मामले की जानकारी दी। आरोपी की पुख्ता पहचान होने का बाद पुलिस टीम हरिद्वार पहुंची और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। बताया जा रहा है कि यहां आरोपी आश्रम के देवात्म मंदिर के साधना गृह में तंत्र साधना कर रहा था।
छत्तीसगढ़ पुलिस के अनुसार आरोपी थालेश्वर प्रसाद शर्मा के खिलाफ सिर्फ दो लोगों ने करीब 25 लाख रुपए की धोेखाधड़ी करने का केस दर्ज कराया है। जबकि, उसने लगभग 15 से 20 लोगों से 70 लाख रुपए से भी अधिक की धोखाधड़ी की है। बहरहाल पुलिस आरोपी से घटना के संबंध में पूछताछ कर रही है जिसके लिए पुलिस ने उसे दो दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है।