सरकार से नहीं एक आदमी से है पूरी लड़ाई : साक्षी मलिक

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नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को हाल ही में नया अध्यक्ष मिला था। लेकिन दो दिन बाद ही डब्ल्यूएफआई को बड़ा झटका लगा है। खेल मंत्री ने नई डब्ल्यूएफआई को निलंबित कर दिया है। इसी के साथ चुने हुए लोगों का विरोध करने वाले लोगों ने खुशी जाहिर की है। इन चुनावों के बाद ओलिंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास ले लिया था। बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की थी। इन लोगों का कहना था कि संजय सिंह पूर्व डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी हैं। इन सभी लोगों ने बृजभूषण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था और उन पर महिलाओं के यौन शोषण का आरोप लगाया था। डब्ल्यूएफआई के निलंबन के बाद रियो ओलिंपिक-2016 में कांस्य पदक जीतने वाली साक्षी मलिक ने कहा है कि वह चाहती हैं कि लड़कियों के साथ इंसाफ हो। उन्होंने कहा कि इससे आगे वह क्या कदम उठाएंगी इस पर फैसला वह अपनी पूरी टीम के साथ मिलकर लेंगी। उन्होंने कहा कि ये पहला कदम है जो अच्छा रहा है और साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई है कि सरकार इस बात को समझे कि बहन-बेटियां किस बात के लिए लड़ रही हैं। साक्षी ने कहा कि उनकी लड़ाई सरकार से नहीं है बल्कि एक शख्स से है। हमारी लड़ाई महिलाओं से थी। हम अपने तरीके से ये लड़ाई लड़ रहे हैं। वहीं विनेश फोगाट ने मशहूर शायर साहिल लुधियानीवी के एक शेर को फोटो पोस्ट किया है जिसमें लिखा है, ‘इस बात का सबर है। ऊपर वाले को सब खबर है।’

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