श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला पावन प्रकाश पूरब श्रद्धा एवं उत्साह के साथ मनाया गया

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देहरादून। श्रद्धा पुर्वक मनाया गया श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश पुरव पोथी परमेश्वर का थान, साधसँग गाविह गुण गोबिंद पूरन ब्रह्म गिआन । गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, आढ़त बाजार, देहरादून के तत्ववाधान में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला पावन प्रकाश पूरब श्रद्धा एवं उत्साह पूर्वक कथा – कीर्तन के रूप में मनाया गया ।प्रात: नितनेम के पश्चात भाई नरेंदर सिंह जी ने आसा दी वार का शब्द “वाणी गुरु गुरु है वाणी, विच वाणी अमृत सारे “हजुरी रागी भाई गुरदियाल सिंह जी ने शब्द “सब सिखन को हुक्म है गुरु मानियो ग्रंथ “।
हैड ग्रंथी भाई शमशेर सिंह जी ने गुरमत विचार व्यक्त करते हुए कहा गुरु अर्जुन देव जी ने गुरुओं – भगतों – गुरसिख व भट्ट साहिबान जी की बाणी को भाई गुरदास जी से एक ग्रन्थ में लिखवाया और बाबा बुढ़ा जी को पहले हैंड ग्रंथि बना कर श्री हरिमंदिर साहिब जी में आदि गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश करवाया, गुरु ग्रंथ साहिब जी की बाणी हमें जात- पात – और अंधविश्वास से दूर रहने का उपदेश देती है।
दरबार साहिब श्री अमृतसर से पधारे हजुरी रागी भाई सिमरनजीत सिंह जी ने शब्द ” पोथी परमेश्वर का थान, साधसंग गाविह गुण गोबिंद पूरन ब्रह्म गिआन ” का गायन कर संगत को निहाल किया, गुरु घर से उनको सरोपा एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया ।
अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य स. संतोख सिंह नागपाल जी को उनकी सामाजिक सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया ।
महासचिव स. गुलज़ार सिंह जी ने संगत को श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पहले प्रकाश पुरब की वधाइयाँ दी ।मंच का संचालन देविंदर सिंह भसीन ने किया । कार्यक्रम के पश्चात संगत ने गुरु का लंगर प्रशाद छका ।
कार्यक्रम में महासचिव स. गुलज़ार सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगमिंदर सिंह छाबड़ा, उपाध्यक्ष चरणजीत सिंह, सचिव अमरजीत सिंह छाबड़ा, मनजीत सिंह, सतनाम सिंह, देविंदर सिंह भसीन, गुरप्रीत सिंह जोली, राजिंदर सिंह राजा, अरविन्दर सिंह,विजय पाल सिंह, आर एस राणा, सुरजीत सिंह, गुरदेव सिंह साहनी,गुरजिन्दर सिंह आनंद, जसबीर कौर ,सेवा सिंह मठारु, तिलक राज कालरा आदि उपस्थित थे ।

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