कराची। पाकिस्तान में एक आर्मी बेस पर मंगलवार को एक आत्मघाती हमला होने की जानकारी सामने आई है। इस हमले में कम से कम 23 लोगों की मौत होने की खबर है। एक अधिकारी के मुताबिक पाकिस्तानी तालिबान से जुड़े आतंकियों ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। एक रिपोर्ट के अनुसार एक स्थानीय अधिकारी ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि मंगलवार तड़के हुए इस हमले में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के डेरा इस्माइल जिले में स्थित आर्मी बेस को निशाना बनाया गया। अधिकारी ने कहा कि मारे गए लोगों में कई सो रहे थे और साधारण कपड़ों में थे। इसलिए अभी इस बात की जांच की जा रही है कि क्या जान गंवाने वाले सभी सैन्य कर्मी थे। इसके साथ ही 27 लोग घायल भी हुए हैं। हमले में मरने वाले लोगों की संख्या अभी बढ़ सकती है। जानकारी के अनुसार यह आत्मघाती हमला एक स्कूली इमारत के परिसर में हुआ जिसका इस्तेमाल मेकशिफ्ट मिलिट्री बेस की तरह किया जा रहा था। पाकिस्तानी तालिबान से जुड़े एक नए समूह तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान ने इसकी जिम्मेदारी लेते हुए कहा है कि हमले की शुरुआत सुबह करीब 2.30 बजे एक लड़ाके की ओर से ‘शहादत के हमले’ के साथ हुई। इसके बाद बाकी आतंकियों ने परिसर में तबाही मचाई।
जियो न्यूज के मुताबिक सुरक्षा बलों ने गोलीबारी के दौरान चार आतंकवादियों को भी मार गिराया। इससे पहले खबर आई थी कि हमले में तीन पुलिस अधिकारी मारे गए हैं। एएफपी ने एक अधिकारी के हवाले से बताया कि कई लोगों की मौत तब हुई जब वो सो रहे थे और आम कपड़ों में थे। इसलिए इस बात को भी सुनिश्चित नहीं किया जा पा रहा है कि जो मारे गए थे क्या वह सभी सैन्यकर्मी थे।
इस हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान (टीजेपी) ने ली है। इस संगठन ने पाकिस्तान में कुछ बड़े हमलों का दावा किया है। ग्रुप के प्रवक्ता मुल्ला कासिम ने इसे आत्मघाती मिशन हमला करार देते हुए कहा कि इसे मावलवी हसन गंडापुर ने अंजाम दिया था। इस संगठन के बारे में ज्यादा कोई नहीं जानता है। लेकिन कुछ लोग इसे टीटीपी का ही हिस्सा कहते हैं। पिछले साल पाकिस्तान में खासतौर पर खैबर पख्तूनख्वा में आतंकी घटनाओं में चिंताजनक वृद्धि हुई है। हमलों में इस प्रांत में कम से कम 470 सुरक्षाकर्मी और नागरिकों की मौत हुई है। जियो न्यूज की मानें तो अकेले एक साल में इस प्रांत में 1050 आतंकी घटनाएं हुई हैं।