नित्य आनन्द स्वरूप का नाम ही शिव है: आचार्य ममगाईं

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देहरादून। स का अर्थ है नित्य सुख आनंद रूप ई का अर्थ पुरुष व का अर्थ है भक्ति अमृत स्वरूप इन तीनो को मिलाकर शिव होता है अर्थात नित्य आनंद स्वरूप शक्तिमान अमृतमय पुरुष को शिव कहते हैं आत्मा को भी शिव रूप करके शिव की पूजा करें।
उक्त विचार ज्योतिष्पीठ व्यास आचार्य श्री शिव प्रसाद ममगाईं जी ने प्राचीन शिव मंदिर मालदेवता में आयोजित शिवमहापुराण की कथा के षष्ठम दिवस पर व्यक्त करते हुए कहा कि परमात्मा की दूरी ही राग द्वेष उत्पन्न करती है हमारा चित नित्य सांसारिक सुख व ऐश्वर्य विषयो में भी दौड़ता रहता है जो हमे अपने परम पिता से अलगाव कराता है यही पिता की दूरी हमारे अंतर मन मे दुख कष्ठ द्वेष व राग उत्पन्न करते हैं। अपने समस्त स्वार्थों के त्याग कर प्राणी मात्र का स्वार्थ निजी स्वार्थ समझने का पूर्ण प्रतिबिंब देखने के लिए एक ऐसे शांत सरोवर की आवश्यकता पड़ती है जहां पवन के झोंके जल को विचलित कर रहे हो ऐसे ही शांत चित्त जो विषय वासनाओं व समस्त अच्छी व बुरी इच्छाओं से ऊपर उठकर प्रभु में लीन हो जाये। तभी उस ब्रह्म का प्रकाश भक्त को प्राप्त होगा परन्तु यह स्थिति सामान्य ज्ञानियों के लिए सम्भव नही। जिस समय भक्त के ह्रदय में आत्मचैतन्य प्रकाशित हो जाय वह स्वयं ब्रह्ममय हो जाएगा। विचारों के प्रवाह को नियमित कर इसकी उड़ान को सीमित कर हमें सत्य के दर्शन हो सकते हैं। प्रवाह को सीमित करने का एक मात्र तरीका नियमित ध्यान व अभ्यास है। जप तप ध्यान कथा श्रवण से विचारों के प्रवाह को एक निश्चित दिशा प्रदान की जा सकती है।
इस अवसर पर विधायक उमेश शर्मा काऊ पूर्व जिलाध्यक्ष शसमशेर सिंह पूर्वजेष्ठ प्रमुख जखोली अर्जुन सिंह गहरवार पूर्व प्रधान अजय चौहान शोभन सिंह जवाड़ी पूर्व राज्य मंत्री किशन सिंह नेगी अरुण चौहान रूबी रावत नारायण सिंह प्रधान सुंदर सिंह पुंडीर वीरेंद्र मियां पूर्व प्रधान सुरेश पुंडीर रघुबीर सिंह जयाडा आनंद नेगी सुरेंद्र सिंह मनवाल विकाश क्षेत्री प्रदान विजय सिंह पुंडीर सत्य देवी उषा देवी माना गाउँ से रूबी रावत कर्नल राजीव बहुगुणा प्रेमबलभ बहुगुणा राजेन्द्र चौहान शिशपाल सुरेश कैंतुरा जयपॉल पुष्पेंद्र पुंडीर विक्रम पँवार संजय पुंडीर संजय कोतवाल प्रधान आषाढ़ सिंह पुछोली रणजीत जवाड़ी सुनीता बहुगुणा डंगवाल जय सिंह नेगी कमला देवी मुकेश पुंडीर महेश पुंडीर सुभाष संजय पुंडीर अरुण पुंडीर नरेश पुंडीर शिशपाल पंवार प्रेम सिंह रावत उमेश पुंडीर प्रेम सिंह मनवाल राकेश सिंह सुशीला नेगी बुद्धि सिंह मनवाल धर्म सिंह पुंडीर राकेश सिंह पंवार निर्मला गुसाईं ममता गुसाईं सुनीता थापा किशनपुर कनिष्क पँवार आचार्य शक्ति प्रसाद आचार्य दिवाकर भट्ट आचार्य संदीप बहुगुणा आचार्य अंकित ममगाईं आचार्य बिशम्बर दत्त आचार्य प्रदीप नौटियाल आचार्य मनीष डंगवाल आचार्य सुरेंदर तिवारी आचार्य सुरेश जोशी उपस्थित रहे।

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