देहरादून। मलिन बस्तियों को तोडने के विरोध में राजनैतिक दलों व सामाजिक संगठनों से जुडे सैकडों लोगों ने रैली निकाल सचिवालय का घेराव किया। जहां से उन्होंने जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया।
आज यहां विभिन्न संगठनों एवं राजनैतिक दलों तथा सामाजिक संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने गांधी पार्क में एकत्र हुए। जहां से लगभग 11 बजे इन मांगों और नारों के साथ सैकड़ो कि संख्या में लोगों ने सचिवालय कूच किया। सचिवालय के समक्ष पहुंच उन्होंने जमकर प्रदर्शन कर धरना दिया। जिसके बाद जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन में उन्होंने सरकार का ध्वस्तीकरण अभियान पर जमकर विरोध किया साथ में जनता ने मांग उठायी कि सरकार कोर्ट का आदेश का बहाना न बनाये और ध्वस्तीकरण अभियान पर रोक लगाया जाये, बिना पुनर्वास किसी को बेघर नहीं किया जायेगा, इस पर कानून लाया जाये। कानूनी प्रावधान हो कि जब तक नियमितीकरण और पुनर्वास पूरा नहीं होता, तब तक बेदखली पर भी रोक हो, दिल्ली सरकार की पुनर्वास नीति को उत्तराखंड में भी लागू किया जाये, राज्य के शहरों में उचित संख्या के वेंडिंग जोन को घोषित किया जाये, पर्वतीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में वन अधिकार कानून पर अमल युद्धस्तर पर किया जाये। बड़े बिल्डरों एवं सरकारी विभागों के अतिक्रमण पर पहले कार्यवाही की जाये और बड़ी कंपनियों को सब्सिडी देने की प्रक्रिया को बंद किया जाये, 12 घंटे का काम करने के कानून, चार नए श्रम संहिता और अन्य मजदूर विरोधी नीतियों को रद्द किया जाये; और न्यूनतम वेतन को 26,000 किया जाये। प्रदर्शन करने वालों में किसान सभा के राज्य अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह सजवान, महामंत्री गंगाधर नौटियाल, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव डॉ एस.एन. सचान, सर्वाेदय मंडल से हरबीर सिंह कुशवाह, चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल और सुनीता सीपीएम के राज्य सचिव राजेंद्र नेगी, अनंत आकाश, इंटक के प्रदेश अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट, कांग्रेस पार्टी के राज्य प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट,एटक के राज्य महामंत्री अशोक शर्मा, उत्तराखंड महिला मंच की कमला पंत, आर.यू.पी.के नवनीत गुसाईं, सी.आई.टी.यू. के लेखराज आदि मौजूद थे।