महिला वोटर करेंगी इस बार भाजपा की चुनावी नैय्या पार

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केंद्रीय योजनाएं व मोदी के नाम पर पड़ा वोट
इस बार 26 लाख महिलाओं ने किया मतदान

देहरादून। भले ही भाजपा की राज्य सरकार ने अपने कार्यकाल में कोई उल्लेखनीय काम न किया हो लेकिन केंद्रीय पोषित योजनाओं के दम, खासकर महिलाओं से जुड़ी योजनाओं पर हुए काम और प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर भाजपा को वोट देने वाली महिला वोटर 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा का बेड़ा पार लगा सकती है।
उल्लेखनीय है कि 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर इन दिनों भाजपा और काग्रेस की धड़कने बढ़ी हुई है। चुनाव प्रचार के दौरान भले ही भाजपा के नेताओं द्वारा अब की बार 60 पार का नारा दिया गया हो, लेकिन इस सच्चाई से भाजपा भी बखूबी अवगत है कि रिकॉर्ड हर बार नहीं बनते हैं वही सत्ता विरोधी फैक्टर का भी अपना अस्तित्व होता है। और फिर भाजपा की सरकार के स्तर पर भी उसकी बड़ी उपलब्धि उसके खाते में नहीं है, उसके ऊपर से चुनाव पूर्व दो बार मुख्यमंत्री बदलकर उसने रही सही कमी भी पूरी कर ली थी लेकिन इस सब के बावजूद भी सूबे की महिला मतदाताओं के भाजपा के पक्ष में जमकर मतदान करने की खबरों के बीच भाजपा के सत्ता में बने रहने की संभावनाएं बरकरार है।
राज्य में कुल वोटर संख्या 82 लाख के पार है जिसमें लगभग 40 लाख महिला मतदाता हैं। इस बार राज्य में 65 फीसदी के करीब मतदान का प्रतिशत रहा है। इस हिसाब से राज्य के चुनाव में लगभग 26 लाख महिला मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है खासतौर से इस बार पहाड़ों पर महिला मतदाताओं में भारी उत्साह देखा गया। इनमें से अधिकांश मत भाजपा के पक्ष में जाने की बात कही जा रही है। यही नहीं उसका जो अहम कारण बताया गया है वह केंद्रीय योजनाओं का लाभ मिलना बताया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सभी जनसभाओं में उन जनधन खातों का भी उल्लेख किया गया जिनके माध्यम से महिलाओं के खातों में विभिन्न योजनाओं की सब्सिडी पहुंच रही है वहीं उनके द्वारा ट्टहर घर जल हर घर नल’ और शौचालयों का जिक्र भी अपने हर भाषण में शिद्दत के साथ किया गया। गरीब परिवारों की लड़कियों की शादी और छात्राओं को दिए जाने वाले अनुदान तथा उज्जवला योजना से मिले गैस कनेक्शन और मुफ्त राशन जैसी योजनाओं ने महिलाओं पर भारी प्रभाव छोड़ा है।
इससे प्रभावित होकर पहाड़ की महिलाओं ने मोदी के काम और नाम पर भाजपा के समर्थन में जो वोट दिया है वह भाजपा का बेड़ा पार लगा सकता है। भले ही महिलाओं का शत प्रतिशत वोट भाजपा को न मिला हो लेकिन यह भाजपा की जीत का आधार बन सकता है। भाजपा नेता भी भितरघात की खबरों के बीच अगर अपनी जीत का दावा कर रहे हैं तो उसका आधार भी यह महिला मतदाता ही है। परिणाम क्या होता है इसकी सही जानकारी तो 10 मार्च को ही मिल सकेगी लेकिन महिला वोटर भाजपा के लिए मुफीद साबित होने जा रही है, इसकी संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है।

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