सनातन धर्म में माताओं का मातृत्व जननी रूप अक्षुण हैः आचार्य ममगाईं

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देहरादून। आज किशनपुर मे नौ दिवसीय देवी भागवत कथा में अशोक थापा एवं कांग्रेस पार्षद उर्मिला ढौंडियाल थापा, गौरव थापा व अन्य देवी भक्ताें के द्वारा देवी भागवत की कथा से पूर्व इस्ट केनाल रोड के प्राचीन शिव मंदिर से कलश यात्रा नर्वदेश्वर मंदिर होते हुए कथा पंडाल और श्रीमती उर्मिला देवी के घर पर बने मंडप मे भगवती दुर्गा का अभिषेक किया गया। यह कथा लोक कल्याण के लिए नव संवत्सर कालयुक्त नाम के संवत्सर से प्रारम्भ होगी और नौ दिन तक चलेगी। नव संवत्सर में कथा श्रवण करना अपने में महत्वपराक है।
कथा का वाचन करते हुए ज्योतीस्पीठ व्यास आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने कहा कि सृष्टी में जो उत्पत्ति रूप जगत के कारण में जो शत्तिQ स्वरूपा है और संहार मे रौद्रशक्ति हंै वह रौद्र होकर संहार करती हैं। यह जगत जो खेल मत्र है वाह ब्रह्मा विष्णु महेश को भी शक्ति प्रदान करती है। वाणी शुद्ध होने पर व्यवहार उत्तम के साथ जीवन सफल होता है तब तक तीर्थ गर्जना करते है। जब तक मनुष्य देवी भागवत नहीं सुनता है पाप रूपी कर्ता तभी तक पीड़ा व दुख देता है जब तक मात्र स्वरूपा जगत मा का समीप्या न हो।
आचार्य ने कहा हिन्दु संस्कृति में ओम की महता पहले से है जो अर्ध चंद्राकार बिन्दु ही शक्ति स्वरूप है सनातन धर्म भौतिवाद को पीछे छोड़कर शांति पाने की शिक्षा देता है। यह बात पश्चिमी देशाें को अब समझ आ रही है जिनके पास सब कुछ है लेकिन वह अस्थायी शांति नही खरीद सकते। हमारी सनातनी संस्कृति को छेड़छाड कर गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया किन्तु उसने अपना गौरव नही खोया।
इस अवसर पर कांग्रेस नेत्री व पार्षद उर्मिला ढौनढियाल थापा, अशोक थापा, गौरव थापा, पूजा थापा, पवित्री देवी, अथर्व, विजय थापा, राजकुमारी, हिमांशु, वीरेंद्र नेगी, भूपेंद्र नेगी, अनिता धस्माना, आचार्य राकेश धस्माना, आचार्य महेश भटृ आचार्य संदीप बहुगुणा, आचार्य बालमुकुंद ममगाई आचार्य, अरुण थपलियाल अनिल चमोली आदि भक्त गण भारी संख्या मे उपस्थित रहे।

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