हिंदुओं की हत्या के विरोध में हल्ला बोल

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कटृरपंथियों को दिखायी हिंदू संगठनों ने एकजुटता की ताकत
संकल्पः शरिया से नहीं संविधान से चलेगा भारत देश

नई दिल्ली। हिंदुओं की हत्याओं के विरोध में आज राजधानी दिल्ली में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे तमाम हिंदू संगठनों द्वारा आयोजित संकल्प मार्च के जरिए गला काट गैंग को कड़ा संदेश दिया गया। इस संकल्प मार्च में उमड़ी बेतहाशा भीड़ ने हिंदुत्व की ताकत का प्रदर्शन कर गला काटने की धमकियां देने वालों को संदेश दिया गया कि देश शरिया से नहीं संविधान से चलेगा।
अभी हाल ही में कटृरपंथियों द्वारा उदयपुर और अमरावती में हिंदुओं की हत्या करने की कायरतापूर्ण कार्रवाई की गई जिसके विरोध में आज एकजुट हुए हिंदू संगठनों द्वारा संकल्प मार्च का कार्यक्रम रखा गया था। विहिप और बजरंग दल के आह्वान पर किए गए इस संकल्प मार्च में आज जहां लाखों लोगों की भीड़ सड़कों पर दिखी वहीं साधु संतों ने बड़ी संख्या में इसमें शिरकत की। इस संकल्प मार्च में आम लोगों की बड़ी संख्या में भागीदारी देखी गई।
हाथों में राष्ट्रीय ध्वज व भगवा झंडे लेकर दिल्ली की सड़कों पर उमड़ी भीड़ ने आज हिंदुओं की एकता का तो संदेश दिया ही साथ ही उन्होंने उन राष्ट्र विरोधी तथा समाज विरोधी ताकतों को जो इन दिनों लोगों को गला रेतने की धमकियां दे रहे हैं, को भी यह संदेश दिया है कि उनकी कायराना हरकतों से हिंदू डरने वाले नहीं हैं तथा उनके कुकृत्य के खिलाफ वह करारा जवाब देने के लिए एकजुट है। उनका साफ कहना है कि कटृरपंथियों को यह समझ लेना चाहिए कि यह देश शरिया कानूनों से नहीं भारतीय संविधान के अनुसार चलेगा। उनका कहना है कि ऐसे अराजक तत्वों को सजा देने के लिए शासन—प्रशासन और कानून तो अपना काम करेगा ही लेकिन अगर वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आए तो हिंदू भी चुप बैठने वाले नहीं हैं। इसके लिए पीड़ितों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है पुलिस के असहयोग या धमकी मिलने की स्थिति में इन हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क किया जा सकता है। इन हिंदू संगठनों द्वारा पीड़ितों की मदद की जाएगी।
मंडी हाउस से जंतर—मंतर तक निकाले गए इस संकल्प मार्च में महिला और युवाओं की बड़ी सहभागिता रही। प्रदर्शन के दौरान लोगों में देश में तालिबानी हुकूमत की बात करने वालों के खिलाफ भारी आक्रोश देखा गया। उनका कहना है कि देश के लोग इस तरह की घटनाओं को कतई भी बर्दाश्त नहीं करेंगे। देश की एकता और अखंडता को चुनौती देने वाली ताकतों से सख्ती से निपटा जाएगा। हालांकि यह संकल्प मार्च पूर्णतया गैर राजनीतिक था तथा किसी भी दल के नेता को मंच पर स्थान नहीं दिया गया लेकिन भाजपा नेताओं द्वारा इस संकल्प मार्च को समर्थन देने की बात कही गई है।

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