धारचूला में भूस्खलन से भारी तबाही

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सेना ने संभाला मोर्चा, पूरा इलाका संवेदनशील घोषित
छह मकान ध्वस्त, लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया

पिथौरागढ़। यूं तो बारिश के कारण पूरे प्रदेश का जनजीवन इन दिनों अस्त व्यस्त है लेकिन सीमान्त जनपद पिथौरागढ़ के धारचूला में हुए भारी भूस्खलन से बड़ी तबाही की तस्वीरें सामने आई हैं।
धारचूला के मुख्य बाजार के ऊपर पहाड़ से हुए भारी भूस्खलन से 6 घर पूरी तरह से जमींदोज हो गए हैं वहीं धारचूला का पूरा बाजार भूस्खलन की चपेट में आ गया है। पहाड़ से आए भारी भारी बोल्डर और मलबे के कारण पूरा क्षेत्र खतरे की जद में आ गया है। गनीमत यह रही कि समय रहते प्रशासन द्वारा सभी घरों को खाली करा लिया गया था तथा बाजार को बंद करा दिया गया था जिससे इस दुर्घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
एलधारा क्षेत्र में हुए भारी भूस्खलन के बाद सेना ने मोर्चा संभाल लिया है पूरे क्षेत्र को संवेदनशील जोन घोषित कर दिया गया है तथा लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। धारचूला का पूरा बाजार खतरे की जद में आ गया है तथा दुकानों से सामान को निकाल पाना भी संभव नहीं हो पा रहा है। सेना के जवान और स्थानीय प्रशासन अब मलबे को हटाने में जुटा हुआ है।
धारचूला से पिथौरागढ़ होते हुए लिपुलेख जाने वाली सड़क भी एलधारा बैंड पर हुए भारी भूस्खलन के कारण बंद हो गई है। भूस्खलन के दौरान यूपीसीएल का सामान लेकर जा रही पिकअप भूस्खलन की चपेट में आ गई। भारत चीन सीमा को जोड़ने वाली इस प्रमुख सड़क पर भारी मात्रा में बड़े—बड़े बोल्डर और मलवा आ गया है जिसके कारण मार्ग पर आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई है तथा कई गांवों का संपर्क मुख्यालय से कट गया है। भारत नेपाल सीमा पर महाकाली नदी भी इस समय उफान पर है। सड़क मार्ग बंद होने से सेना की आवाजाही भी बंद हो गई है तथा दोनों ओर वाहनों की लंबी—लंबी लाइनें लगी हुई है। प्रशासन द्वारा 90 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। ऊपर से मलवा हटाने के बाद ही दुकानों को खोला जा सकेगा फिलहाल स्थानीय प्रशासन और सेना द्वारा युद्ध स्तर पर मलबा व पत्थरों को हटाने का काम किया जा रहा है।

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