हार के डर से घबराई सरकार ने बदला फैसलाः हरीश

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फैसले को चुनाव व वोट से जोड़कर देखना गलतः कौशिक

देहरादून। उत्तराखंड सरकार द्वारा देवस्थानम बोर्ड को भंग किए जाने के फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि यह एक कमजोर मनोबल वाली सरकार का हार की आशंका से घबरा कर लिया जाने वाला फैसला है।
हरीश रावत का कहना है कि यह जन भावनाओं और तीर्थ पुरोहितों के संघर्ष की जीत है। जिसने सरकार को मनमाने फैसले करने से रोक कर एक अच्छा उदाहरण पेश किया है। उन्होंने कहा कि तीर्थ पुरोहित और हक हकूक धारी दो साल से आंदोलन कर रहे थे लेकिन सरकार ने उनकी बात नहीं सुनी। अब चुनाव में जब उन्हें अपनी हार का डर सताने लगा तो उन्होंने अपने फैसले को वापस ले लिया। उन्होंने कहा कि यह एक कमजोर मनोबल वाली हार से डरी सरकार का फैसला है। कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना ने इसे लोकतंत्र की जीत और भाजपा की हार बताते हुए कहा है कि सरकार ने अपना फैसला बदलकर खुद यह साबित कर दिया है कि वह जनता पर बहुमत के दम पर अपने गलत फैसले थोपने का प्रयास कर रही थी। उन्होंने इसे प्रदेश की जनता और आंदोलनकारी तीर्थ पुरोहितों की जीत बताया है। उधर आम आदमी पार्टी ने भी तीर्थ पुरोहितों को बधाई देते हुए कहा है कि सरकार ने देर से ही सही लेकिन सही सोचा यही काफी है।
भाजपा नेता व प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष मदन कौशिक ने थामी सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि उन्होंने अपने फैसले में जन भावनाओं का सम्मान किया है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की यही खूबसूरती है उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले को चुनाव और वोट की राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। भाजपा जनहित को सर्वाेच्च प्राथमिकता पर रखती है।

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