- राम भक्तों से अयोध्या जाने व दर्शन करने की अपील की
देहरादून। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए जब 1990 के दशक में आंदोलन अपने चरम पर था उसे समय पूरे देश के साथ देहरादून के लोग भी इस आंदोलन को लेकर समर्पित थे। हमने भी पुलिस की लाठियां खाई हैं और महीनों जेल में काटे हैं। अब राम मंदिर बन चुका है और रामलला मंदिर में विराजमान होने जा रहे हैं तो खुशी तो होगी ही।
राम मंदिर आंदोलन की यादें ताजा करते हुए करनपुर निवासी विजय कोहली ने कहा कि वह उसे समय बजरंग दल के संयोजक थे। अपने तमाम साथियों के साथ वह भी देहरादून में राम मंदिर निर्माण के लिए धरने—प्रदर्शन व आंदोलन कर रहे थे। कोहली ने बताया कि वह आंदोलन की रणनीति बनाने में जुटे थे तभी उन्हें सूचना मिली कि पुलिस उन्हें पकड़ने के लिए आ रही है। उन दिनों पुलिस प्रशासन राम मंदिर आंदोलनकारियों पर बर्बरता पूर्ण कार्यवाही पर आमादा था। जब पुलिस आने की खबर मिली तो वह गलियों से होते हुए डीएवी कॉलेज गेट के पास पहुंचे जहां से वह सुभाष रोड व कनक चौक से होते हुए पलटन बाजार पहुंच गए। इसकी सूचना पाकर उनके कई साथी भी उनके साथ आ गए। उस समय सीओ यादव ने कोतवाली के पास लाठी चार्ज करा दिया। उन्होंने कहा कि मुझे और मेरे कुछ साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया। जिसमें विनोद शर्मा, पदम सेन शर्मा तथा हंसराज गेरा कपूर एडवोकेट वह बंगाली दादा आदि शामिल थे। हमें टिहरी जेल भेज दिया गया जहां महीने भर से भी अधिक समय तक हम जेल में रहे।
उनका कहना है कि राम मंदिर आंदोलन का जो लोग हिस्सा रहे अब उनकी मुराद पूरी हो रही है। अयोध्या में भव्य—दिव्य राम मंदिर बन चुका है तथा 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। इसकी खुशी हर एक हिंदू और राम भक्त को होनी स्वाभाविक है। जिन्होंने राम मंदिर के लिए लाठी डंडे खाए, जेल गए और उनके अपनों ने प्राण तक न्योछावर कर दिए उनके लिए तो इससे बड़ा व खुशी का कोई दिन नहीं हो सकता। उनका कहना है कि वर्षों पुराना सपना साकार हो रहा है अत्यंत खुशी है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वह अधिक से अधिक संख्या में अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन करें।