वाराणसी । वाराणसी की दिव्य नगरी में देव दीपावली के मनमोहक दृश्य ने जॉर्जिया की एक युवती, मिको के जीवन को एक अनोखे मोड़ पर ला खड़ा किया है। काशी के आध्यात्मिक अनुभव ने उसे न केवल सनातन धर्म की ओर आकर्षित किया, बल्कि वाराणसी के प्रति उसके मन में प्रेम जगा दिया है। मिको को ऐसा महसूस होता है कि शायद वह अपने पिछले जन्म में वाराणसी से किसी न किसी रूप में जुड़ी हुई थी। मिको पहली बार पिछले साल देव दीपावली के अवसर पर वाराणसी आई थी। गंगा के घाटों पर हजारों दीपों की जगमगाती लहरों ने उसे मंत्रमुग्ध कर दिया। मंदिरों की घंटियों की आवाज, भजन-कीर्तन का स्वर और त्योहार का हर्षोल्लास उसके मन को छू गया। उसने गंगा आरती में भाग लिया, पवित्र नदी में स्नान किया और स्थानीय लोगों की परंपराओं को देखा। यह अनुभव उसके लिए किसी जादू से कम नहीं था। मिको कहती हैं, “वाराणसी में बिताए हर पल ने मुझे आध्यात्मिक रूप से परिवर्तित किया है। देव दीपावली के प्रकाश ने मेरे भीतर एक ज्योति जगाई है, जो मुझे सनातन धर्म की ओर आकर्षित करती है। मुझे ऐसा लगता है कि शायद मेरी आत्मा किसी न किसी तरह से इस पवित्र भूमि से जुड़ी हुई है।” मिको अब जॉर्जिया लौट चुकी है, लेकिन वाराणसी की यादें और अनुभव उसके साथ हमेशा रहेंगे। वह सनातन धर्म का अध्ययन जारी रखने और भविष्य में फिर से वाराणसी आने की उम्मीद रखती है।