फिर बढ़ा कोरोना का खतरा

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बीते दो सालों में कोरोना के कारण भारत की नहीं विश्व को भारी नुकसान पहुंचा है। कोरोना की दो लहरों के बाद जैसे—तैसे हालात कुछ सामान्य होते दिखे थे लेकिन दक्षिण अफ्रीका के कुछ लोगों में कोरोना नए वेरिएंट ओमीक्रांन के रूप में सामने आने से सभी देशों में कोहराम जैसी स्थिति पैदा हो गई है। भले ही अभी विश्व के छह—सात देशों तक कोरोना का यह नया वैरीयंट पहुंच सका हो लेकिन यह जिस तेजी से बढ़ रहा है तथा कोरोना के अब तक सामने आए तमाम वैरीयंट से अधिक खतरनाक है उसके मद्देनजर चिंताएं बढ़ना स्वाभाविक है। एक तरफ कोरोना के इस नए वेरिएंट का खौफ है तो दूसरी तरफ देश और प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या ने भी चिंताएं बढ़ा दी है। बात अगर उत्तराखंड की करें तो यहां बीते चार दिनों में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। 25 नवंबर को राज्य में 8 नए संक्रमित मिले थे जो 28 को 36 तक पहुंच गए। खास बात यह है कि ढाई महीने पहले 15 सितंबर को राज्य में 49 कोरोना संक्रमित मिले थे। एक तरफ कोरोना जांच में कमी आ रही है वही दूसरी तरफ कोरोना का संक्रमण बढ़ता जा रहा है। दरअसल कोरोना की दोनों लहरों के बाद आम आदमी ही नहीं शासन—प्रशासन स्तर पर भी घोर लापरवाहियंा बरती जा रही है। उत्तराखंड में अभी बीते दिनों मुख्य सचिव के आदेश के बाद सभी बंदिशें हटा ली गई थी सिर्फ नाम भर के लिए मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग रह गई थी जिसका अनुपालन भी जरूरी नहीं समझा जा रहा था। चाहे बाजार हो या स्टेशन व बस स्टैंड अथवा अन्य कोई समारोह कहीं भी कोरोना नियमों की अनदेखी की जा रही थी। सभी ने यह मान लिया था कि कोरोना खत्म हो चुका है। बीते कल राष्ट्रपति की सुरक्षा में लगे 12 पुलिसकर्मियों सहित 19 लोगों के कोरोना पॉजिटिव पाये जाते ही शासन प्रशासन को यह समझ आ चुका है कि हम एक बार फिर उसी गलती को दोहरा चुके हैं जो हमने पहली लहर के बाद की थी। भारत सरकार देश के सभी स्कूल कॉलेजों को खोल चुकी है। ट्रेनें भी पूर्णतः संचालित कर दी गई है अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी शुरू करने का फैसला लिया जा चुका। जिस पर प्रधानमंत्री की हिदायत के बाद विचार किया जा रहा है। केंद्र सरकार सभी राज्यों को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दे चुकी है। उत्तराखंड सरकार ने भी अब सतर्कता दिखाई है। बाहर से आने वालों की चेकिंग शुरू की जा रही है। जिस दक्षिण अफ्रीका में कोरोना का नया वैरीअंट ओमीक्रान मिला है वहां से उधम सिंह नगर आये कुछ लोगो मे से एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव मिला है वहीं राष्ट्रपति की सुरक्षा में लगे 19 लोगों के संपर्क में आने वाले सैकड़ों लोगों की तलाश किया जाना भी आसान नहीं है। कुल मिलाकर यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि कोरोना का एक बार फिर कहीं भी विस्फोट संभव है। जिस तीसरी लहर को लेकर सभी लापरवाह हो चुके थे वह अब सर पर खड़ी दिख रही है। देश में इस तीसरी लहर के दौरान अगर ओमीक्रान वैरीयंट का प्रहार होता है तो उस से होने वाले नुकसान का अंदाजा लगा पाना भी मुश्किल है क्योंकि इस पर कोई टीका प्रभावी होगा इसका भी पता नहीं है। मगर फिर भी हमें कोरोना से लड़ना है डरना नहीं है। क्योंकि हर महामारी एक दिन खत्म होती ही है।

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