पहले दिन चोरी की घटना को भी पुलिस ने नकारा था
देहरादून। भण्डारी बाग निवासी वृद्ध महिला की हत्या का पुलिस ने खुलासा करते हुए एक व्यक्ति को हत्यारोपी के रूप में पेश किया। जिसने बताया कि वह चोरी के इरादे से मृतका के घर में घुसा था तो फिर जेवरात गले की चेन क्यों नहीं लूटी यह अपने आपमें सवाल खडे कर रहा है कि यह कहीं मुख्यमंत्री की चेतावनी का असर तो नही हैं।
उल्लेखनीय है कि भण्डारी बाग निवासी कमलेश धवन अपने मकान में अकेले रहती थी। उनकी तीन बेटियां है जिनमें दो राज्य से बाहर तथा एक बंसत विहार में रहती है। चार मार्च को कमलेश की बेटी विनीता ने उसके फोन पर कॉल किया तो फोन नहीं उठाने पर विनीता ने घर के सामने दुकानदार को फोन कर बताया कि मां का फोन नहीं उठ रहा था जाकर देखें। जब दुकानदार कमलेश के कमरे में पहुंचा तो उसके होश उड गये। कमरे में कमलेश धवन का रक्तरंजित शव पडा हुआ था। किसी ने उसका गला रेतकर हत्या कर दी थी। महिला की हत्या की सूचना मिलते ही एसएसपी दलीप सिंह कुंवर, एसपी सिटी सरिता डोभाल सहित सभी पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया था। घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद पुलिस अधिकारियों ने दावा किया था कि घटना स्थल पर मौके पर दो से तीन व्यक्ति मौजूद हो सकते हैं। पुलिस ने दावा किया था कि रसोई में पके चावल का पूरा भरा पतीला, दाल आदि पडे थे तथा पकोडे भी बने हुए थे। पुलिस ने यह भी दावा किया था कि घटना किसी जानकार ने की है तथा घटनास्थल से कोई जेवरात व अन्य सामान चोरी नहीं हुआ था। मृतका के गले में सोने की चेन ज्यों कि त्यों पडी हुई थी। उस दिन से आज की तिथि तक पुलिस अधिकारी यही दावा करते रहे थे कि जितना खाना मृतका ने बनाया था वह अकेले के लिए नहीं हो सकता। घटना वाले दिन घर में दो से तीन लोग मौजूद रहे होंगे। जबकि चोरी की घटना के बारे में कोई जिव्रQ नहीं किया गया था। जबकि चोरी की घटना का जिव्रQ तो पहले दिन ही होना चाहिए था। पुलिस यही दावा कर रही थी कि महिला की हत्या किसी जानकार ने की है जिसको वह जानती थी तथा जिसके लिए उसने खाना बनाया था तथा रात्रि में जानकार के लिए ही उसने दरवाजा खोला था तो फिर आज चोर कहां से आ गया? यह पुलिस की कहानी में झोल पैदा कर रहा है! सवाल आज भी वहीं खडा है कि मृतका के द्वारा इतना खाना किसके लिए बनाया था। पुलिस की पूरी कहानी में झोल दिखायी दे रहा है! जबकि हत्यारोपी महिला का कोई जानकार नहीं था कि वह उसके लिए खाना बनाती और ना ही वह उससे पूछकर उसके घर में घुसा था? जिस बात को पुलिस पहले नकारती रही आज उसी पर जोर क्यों दिया जा रहा है। यह कहीं मुख्यमंत्री की चेतावनी का तो असर नहीं है?