पिक्चर अभी बाकी है?

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भले ही भारतीय सेना के अभियान सिंदूर को लेकर पाकिस्तानी हुक्मरान कुछ भी प्रचारित कर रहे हो या कुछ भी छुपाने की कोशिशों में जुटे हो लेकिन भारतीय सेना ने जिस तरह से एक सुनियोजित रणनीति के तहत पाक की धरती पर संचालित होने वाली आतंक की फैक्ट्री पर टारगेटेड मिसाइलों से हमला किया गया है उससे आतंकी संगठनों की कमर तोड़ने में बड़ी कामयाबी मिली ही है इसके साथ ही पाकिस्तान के उन रहनुमाओं को जो आए दिन भारत को गीदड़ धमकियां देते रहते हैं उनके भी हौसलों को पस्त कर दिया है। निश्चित तौर पर इस हमले से पाकिस्तान ही नहीं अन्य तमाम देशों को भी इस बात का एहसास हो चुका है कि आतंकवाद की लड़ाई को भारत कितनी दृढ़ता और मजबूती के साथ लड़ सकता है। इस सैन्य कार्यवाही का भारत को अगर कुछ बड़ा फायदा हुआ है तो वह है उसकी राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा। हमारे पड़ोसी मुल्क जो भारत को जाति और धर्म के नाम पर विभाजित करने और देश को कमजोर करने के मंसूबे पाले बैठे थे इस हमले ने एक ही झटके में उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया है।
पहलगाम में आतंकियों ने जिस तरह धार्मिक आइडेंटीफिकेशन के बाद चुन चुन कर हिंदुओं को तालिबानी अंदाज में गोलियां मारी गई और महिलाओं को यह कहा गया कि हम तुम्हें नहीं मारेंगे जाओ अपने मोदी को बता देना। उन्हें शायद इस हमले से उनके सवालों का जवाब मिल गया होगा। इस सैन्य अभियान को भारत ने सिंदूर नाम ही नहीं दिया गया बल्कि इस ऑपरेशन सिंदूर में कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह का शामिल होना और प्रेस वार्ता के लिए सामने आने की तस्वीर पूरे विश्व ने देखी होगी वहीं संसद से लेकर सड़कों तक एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोलकर खड़े रहने वाले नेताओं की एक जुटता को भी दुनिया देख रही है। राजनीतिक हित साधने के लिए हिंदू—मुस्लिम करने वाले नेताओं ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर जो एक जुटता दिखाई उस राष्ट्रीय एकता से बड़ी उपलब्धि और भला क्या हो सकती है। जब तिरंगे वाली पगड़ी पहने ओवैसी पाकिस्तान मुर्दाबाद व हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे, इस हमले की सफलता पर मुस्लिम महिलाएं एक दूसरे को मिठाईयां खिलाकर खुशियां मना रही थी। पाकिस्तान जैसे मुल्क के लोगों के लिए इस हमले के बाद आई इन तस्वीरों को गौर से देखना और समझना चाहिए। क्या इस हिंदुस्तान को कोई आतंकी संगठन या दुश्मन राष्ट्रीय युद्ध के मैदान में हरा सकता है। एक और महत्वपूर्ण बात है वह जो पूर्व सेनाअध्यक्ष द्वारा कही गई है। इस हमले के बाद उन्होंने साफ कहा है कि पिक्चर अभी बाकी है। भारत ने इस हमले में केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर जंग के नियमों व मानवीय मूल्यों को पूरी ईमानदारी से तवज्जो दी गई है। यह हमला सही मायने में पाक पर नहीं आतंकवाद पर ही हमला है लेकिन अगर पाकिस्तान इस पर भारत के खिलाफ कुछ भी करेगा तो उसको क्या जवाब देना है? किस तरह जवाब देना है भारत उसकी भी पूरी तैयारी कर चुका है। ऐसे में पाकिस्तानी हुक्कमरानों व सेना की कोई भी एक चूक उस पर भारी पड़ सकती है।

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