अबकी बार 400 पार

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भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव में ट्टतीसरी बार मोदी सरकार अबकी बार 400 पार’ के नारे के साथ जा रही है। भाजपा जिसने अपना सियासी सफर दो लोकसभा सीटों से शुरू किया था उसने 2019 के लोकसभा चुनाव से पूर्व नारा दिया था अबकी बार 300 पार। इस नारे के अनुकूल उसने 303 सीटों पर जीत दर्ज भी करने में सफलता हासिल कर ली थी। तब क्या भाजपा 2024 के चुनाव में 400 पार के नारे पर फिर इसी तरह का चमत्कार करने जा रही है। यह अभी सिर्फ सवाल ही है जिसका जवाब 2024 के नतीजे आने पर ही मिल सकेगा। लोकसभा में कुल 552 सीटें हैं अगर भाजपा 400 के पार जा सकती है तो इसका सीधा मतलब यह होगा कि विपक्ष का पूरी तरह सूपड़ा साफ। अभी लोकसभा में हुई घुसपैठ के मुद्दे पर संसद की सुरक्षा को लेकर जब तमाम विपक्षी दलों के सांसद हंगामा कर रहे थे तो पीठ द्वारा 146 सांसदों का संसद से निष्कासन कर दिया गया था तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन खाली निलंबित सांसदों की सीटों की ओर इशारा करते हुए कहा था कि चिंता मत कीजिए कुछ दिनों की बात है इन सभी सीटों को भर दिया जाएगा। उनका उस समय भी यही संकेत था कि अगर विपक्ष का रवैया ऐसा ही रहता है तो अगले चुनाव के बाद इन खाली सीटों पर भाजपा के सांसद बैठे दिखाई देंगे। 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनने वाली पूर्ण बहुमत की सरकार के बाद 2019 में भी भाजपा ने 303 सीटें जीतकर गठबंधन की बैसाखी को तोड़कर फेंक दिया गया है। जनता दल यूनाइटेड और अकाली दल तथा शिवसेना जैसे सहयोगी भाजपा से छिटक चुके हैं इसके बावजूद भाजपा अपने विजय रथ पर न सिर्फ सवार है अपितु अबकी बार 400 पार के नारे के साथ चुनावी हुंकार भर रही है तो यह बेवजह नहीं है उसे अपनी ताकत और क्षमता पर यह भरोसा है कि अब उसे केंद्रीय सत्ता में बने रहने से कोई नहीं रोक सकता है और उसे शायद उन दलों की भी अब आवश्यकता नहीं है जो क्षेत्रीय दल उसके साथ है। वह उन्हें महज गठबंधन के नाम पर अपने कंधे पर लटकाये हुए हैं। बड़े—बड़े सपने देखने की बात करने वाले नरेंद्र मोदी क्या ऐसा ही कुछ बड़ा करने जा रहे हैं या फिर यह उनका अति आत्मविश्वास है या दंभ है इस पर अभी कुछ कहने का समय नहीं है लेकिन टारगेट 400 आसान काम नहीं है इसके लिए भाजपा को जम्मू कश्मीर से लेकर बिहार तक उत्तर भारत की सभी लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करनी पड़ेगी जो बहुत आसान काम नहीं है वहीं दक्षिण भारत के दो बड़े राज्यों कर्नाटक जहां अभी कांग्रेस की सरकार है व आंध्र प्रदेश में 10—10 सीटें जीतनी होगी। वही उत्तर प्रदेश के साथ—साथ मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जहां उसने अभी विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज की है, विधानसभा चुनाव की तरह ही बेहतर प्रदर्शन करना होगा। यह ठीक है कि भाजपा जिसे लोग चार अहम मुद्दों के कारण वोट देते हैं वह चारों मुद्दे बहुत मजबूत हैं। हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के साथ—साथ अब केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ ले रहे लोगों का बड़ा वोट बैंक भाजपा को वोट करता है और भाजपा के पास वर्तमान में जो सांगठनिक ताकत है उसका कोई मुकाबला नहीं कर सकता है लेकिन ऐसा भी नहीं है कि देश के लोकतंत्र पर कोई एक राजनीतिक दल कब्जा कर बैठ जाए? अबकी बार अगर भाजपा 400 पार कर लेती है तो 2029 के चुनाव में उसका नारा अबकी बार 500 पार होगा। अगर देश से विपक्ष का सफाया हो जाएगा तो उसका सीधा अर्थ लोकतंत्र का सफाया ही होगा। जिसके बाद तानाशाही शासन की शुरुआत होती है भाजपा और नरेंद्र मोदी बहुत पहले से कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते रहे हैं तब इसका मतलब भले ही देश के लोगों या विपक्ष की समझ में न आया हो लेकिन अब विपक्ष मुक्त भारत की ओर देश बढ़ रहा है तो यह सभी की समझ आ रहा है कि देश की राजनीति और भाजपा का यह विजय रथ किधर जा रहा है।

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