राहुल की एक और पदयात्रा

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कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी एक बार फिर एक लंबी पद यात्रा पर निकलने वाले हैं। इस यात्रा को कांग्रेस ने न्याय यात्रा का नाम दिया है। इससे पूर्व बीते साल राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा की थी। दक्षिण भारत से शुरू की गई इस पदयात्रा का समापन जम्मू कश्मीर के लाल चौक पर हुआ था। इस लंबी यात्रा के दौरान राहुल गांधी को अप्रत्याशित जन समर्थन मिला था हजारों किलोमीटर की इस यात्रा का आयोजन कड़कती सर्दी के बीच शुरू हुआ था और बारिश व बर्फबारी के बीच इसका समापन हुआ। राहुल गांधी द्वारा मौसम की विसंगतियां के बीच की गई इस यात्रा ने उनके हौसले को लेकर हर किसी को हैरान कर दिया था। हाफ टीशर्ट पहनकर भारत जोड़ो यात्रा पर निकले राहुल गांधी का कहना था कि यात्रा वह देश के लोगों के लिए कर रहे हैं देश के लोगों की दुआएं और ऊर्जा उनके साथ है इसलिए उन्हें किसी तरह की परेशानी का अनुभव नहीं हो रहा है। अब एक बार फिर से वह न्याय यात्रा पर निकलने वाले हैं। 20 जनवरी से शुरू होने वाली यह यात्रा भी कड़ाके की सर्दी के बीच ही होने वाली है, जो 20मार्च तक चलेगी। पूरे 2 माह चलने वाली इस यात्रा के दौरान वह 6000 किलोमीटर से भी अधिक का सफर तय करेंगे। उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा के बाद ही इस बात की घोषणा कर दी थी कि जल्द ही इस यात्रा का पार्ट 2 भी होगा। और जहां वह अब नहीं जा सके हैं वह अपनी अगली यात्रा के दौरान वहां जाएंगे। यात्रा की शुरुआत मणिपुर से होगी तथा यह यात्रा नागालैंड आसाम, मेघालय जैसे छोटे राज्यों से लेकर पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात जैसे तमाम बड़े राज्यों से होकर महाराष्ट्र मुंबई में जाकर समाप्त होगी। जहां तक यात्रा के उद्देश्य की बात है वह देश के लोगों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय दिलाना बताया जा रहा है। यह एक अत्यंत ही सुखद विषय है कि आज 10 साल सत्ता से दूर रहने वाले विपक्ष और कांग्रेस की नीतियों में भारतीय एकता और अखंडता को अक्षुण बनाए रखने और सामाजिक न्याय जैसे अहम मुद्दे राजनीति के केंद्र में ले जाये जा रहे हैं। राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा का उद्देश्य देश में सांप्रदायिक और क्षेत्रवाद को लेकर बढ़ रहे सामाजिक विभाजन को लेकर की थी तो अब सामाजिक और आर्थिक न्याय जैसे बड़े मुद्दों को केंद्र में रखा जा रहा है। भले ही इस दौर में की जाने वाली तमाम यात्राओं का उद्देश्य 2024 के लोकसभा चुनाव से जाकर ही जुड़ता हो जिसके तहत भाजपा भी इन दिनों विकसित भारत संकल्प यात्राओं का आयोजन कर रही है। लेकिन राहुल गांधी की सोच और राजनीति दूसरे नेताओं व दलों से कुछ अलग हटकर जरूर है। अभी बीते दिनों हमने राहुल गांधी को एक ट्रक में यात्रा करते देखा था। उनका कहना था कि वह हर क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को नजदीक से महसूस करना चाहते हैं वहीं हमने बीते मानसूनी सीजन में उन्हें हरियाणा के खेतों में धान की रोपाई करते भी देखा था। कल हमने उन्हें एक अखाड़े में बजरंग पूनिया के साथ कुश्ती के दाव पेंच सीखते भी देखा। उनकी राजनीति का अपना अलग अंदाज है आम आदमी के साथ बैठकर उसके पास जाकर वह देश के लोगों की वास्तविक स्थिति को जानने की ललक रखते हैं। जो आम तौर पर नेताओं में दिखावे भर के लिए ही देखी जाती है। उनकी इन दोनों यात्राओं से कांग्रेस और इंडिया गठबंधन को राजनीतिक लाभ पहुंचना भी तय है। इंडिया गठबंधन के दलों को अगर इसका पूरा लाभ लेना है तो उन्हें पूरे मन के साथ इस यात्रा में राहुल गांधी के साथ दिखना चाहिए। उनकी यह यात्रा कैसी रहती है तथा उन्हें कितना सहयोग व समर्थन जनता और गठबंधन सहयोगियों से मिलता है और इसका कितना राजनीतिक लाभ मिलता है आने वाला समय ही बताएगा।

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