अब न्यू इंडिया का नारा

0
136


बीते कल तमाम विवादों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के नए भवन के उद्घाटन के अवसर पर कई बातें कहीं। संसद का नया भवन आत्मनिर्भर भारत के सूर्याेदय का साक्षी बनेगा, भारत के दृढ़ संकल्प का संदेश देता है, भारत आगे बढ़ेगा तो विश्व आगे बढ़ेगा। नीति को निर्माण से और संकल्प को सिद्धि से विकसित राष्ट्र बनाने आये नया संसद भवन नया भारत बनाने की बात तक न जाने और क्या क्या? यह सच है कि भारत की जो वर्तमान तस्वीर है वह सिर्फ भाजपा और मोदी सरकार के 9 सालों में बनकर तैयार नहीं हुई है इसे बनने में 75 सालों का समय लगा है पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर नरेंद्र मोदी तक की सभी सरकारों ने अपनी अपनी स्थितियों, परिस्थितियों और क्षमताओं तथा जरूरतों के अनुरूप काम किया आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के नेताओं द्वारा जिस तरह का प्रचार किया जा रहा है कि 2014 से पहले की सरकारों ने कुछ नहीं किया तो इससे बड़ा झूठ भला और क्या हो सकता है। यहां इस विकास के इतिहास का उल्लेख किया जाना संभव नहीं है। अगर संसद का यह नया भवन नहीं भी बनता तब भी भारत जो कई दशक पूर्व एक आत्मनिर्भर भारत बन चुका था उसे एक विकासशील राष्ट्र की सूची से बाहर निकालकर विकसित राष्ट्र बनना ही था अगर आने वाले वर्षों में भारत विकसित राष्ट्र बनता है तो इसमें नए संसद भवन का कोई कमाल नहीं होगा। ठीक है जरूरत के हिसाब से सभी चीजों को बदलना चाहिए और बदल रही है। समय और समाज को बदलने से न कोई रोक सकता है और न उस पर किसी व्यक्ति या सत्ता के होने न होने का कोई प्रभाव पड़ता है। हां एक बात जरूर अहम है कि जिस तरह से राजनेताओं द्वारा भ्रामक नारों के माध्यम से गुमराह करने का काम किया जाता है और बड़े—बड़े चमत्कार करने के दावे किए जाते हैं वैसे सत्ता स्वार्थों के लिए नहीं किया जाना चाहिए। उदाहरण के तौर पर हम 1970 के दशक में कांग्रेस द्वारा दिए गए गरीबी मिटाओ के नारे को भी ले सकते हैं और 3 दशक पूर्व भाजपा द्वारा दिए गए शाइन इंडिया के नारे को ले सकते हैं तथा एक दशक पूर्व दिए गए अच्छे दिन आने वाले है, नारे को भी ले सकते हैं। बीते 40 सालों में देश के गरीबों की स्थिति कितनी बदली है और देश से गरीबी कितनी मिट सकी है आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं। 35 से 40 करोड़ लोग आज भी रोज कमाते हैं तो भी भरपेट नहीं खा पाते हैं। 10 करोड से अधिक बाल मजदूर आज भी मजबूरी में श्रम कर रहे हैं किसी शौक में नहीं। काला धन वापस लाएंगे और देश के हर गरीब को अमीर बनाने का दावा करने वाले भाजपा के नेताओं को अब इन गरीबों पर तरस खाकर 10—10 किलो मुफ्त राशन देना पड़ रहा है इन गरीबों के 9 साल में कितने अच्छे दिन आए हैं। साइन इंडिया के बोर्डों और बैनरों से पाट देने वाली भाजपा को दो ढाई दशक पहले ही इंडिया साइन करता हुआ दिख रहा था अब एक बार फिर न्यू इंडिया का नारा दिया जा रहा है आत्मनिर्भर भारत का शोर बीते काफी समय से सुनाई दे रहा है जबकि बीते एक दशक में देश के करोड़ों लोग गरीबी की दलदल में फंसते जा रहे हैं अमीर और अधिक अमीर तथा गरीब और अधिक गरीब होता जा रहा है। यह सब कुछ लफ्फे—लफ्फाजी अगर हो रही है तो वह 2024 के चुनाव के लिए हो रही है। आने वाले 1 साल में भारत विश्व गुरु भी बनेगा विकसित राष्ट्र भी और न्यू इंडिया भी और इनके अलावा और भी बहुत कुछ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here