धर्मांतरण बर्दाश्त नहींः धामी

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विपक्ष के सुझावों का भी स्वागत है
दोनों विधेयक पास हो जाएंगे

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि धर्मांतरण समाज में घुन की तरह है जिसका गंभीर असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस सामाजिक बुराई को कतई भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जोर—जबर्दस्ती तथा अन्य तमाम तरीकों से किए जाने वाले धर्मांतरण को सख्ती से रोका जाएगा।
आज विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले उन्होंने कहा कि अभी उनकी सरकार द्वारा कैबिनेट की बैठक में धर्मांतरण को रोकने के लिए नया कानून बनाने की मंजूरी दी गई थी अब यह विधेयक सदन में चर्चा के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा कि कब कहां और कैसे—कैसे धर्मांतरण कराया जाता है इसका पता तक नहीं चल पाता है कहीं महिलाओं और बच्चों को अपने जाल में फंसा कर उन पर धर्मांतरण का दबाव बनाया जाता है तो कहीं कमजोर तबके के लोगों को आर्थिक मदद का प्रलोभन देकर उनको अपना धर्म बदलने पर विवश किया जाता है। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण चाहे किसी भी सूरत में किया गया हो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, इसके लिए अब सख्त सजा का प्रावधान किया गया है। उन्होंने अपेक्षा की है कि विपक्ष को भी इस पर कोई आपत्ति नहीं होगी और जल्द ही नया कानून अस्तित्व में आ जाएगा।
उधर राज्य की महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण विधेयक पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह महिलाओं को बराबरी का अधिकार और उनके सशक्तिकरण के लिए प्रयासरत हैं। हाईकोर्ट द्वारा महिलाओं के आरक्षण पर लगाई गई रोक के बाद उनकी सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई थी जिस पर उन्हें राहत मिल चुकी है लेकिन अब उनकी सरकार द्वारा इस संबंध में विधेयक लाया जाएगा जिससे यह व्यवस्था यथावत बनी रहे। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के पास होते ही महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य और प्रदेश की जनता के हित में जो भी कुछ प्रस्ताव उनके सामने आते हैं वह उस पर खुले मन के साथ विचार करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इन दोनों ही विधेयकों पर किसी को कोई आपत्ति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि विपक्ष द्वारा अगर कुछ सुझाव दिए जाते हैं तो वह उनका स्वागत करेंगे।

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