खनन वाहनों को छोड़ने के लिए बागेश्वर के एसएसपी को खत लिखने का मामला
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जनसंपर्क अधिकारी नंदन सिंह को बर्खास्त कर दिया गया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए नंदन सिंह के उस पत्र को लेकर जिसमें उन्होंने बागेश्वर पुलिस कप्तान को कुछ खनन वाहनों को छोड़ने के बारे में लिखा था, न सिर्फ खुद उन्हें मुश्किल में डाल दिया है अपितु सीएम और सरकार की मुश्किलों को भी बढ़ा दिया है।
उल्लेखनीय है कि बीते कई दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस पत्र को लेकर चर्चाएं जारी थी। बीते कल कांग्रेसी विधायकों ने इसे सदन में भी उठाया था। जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री के ओएसडी नंदन सिंह ने यह पत्र बागेश्वर के एसएसपी को बीते 8 दिसंबर को लिखा गया जिसमें पुलिस द्वारा खनन की ओवरलोडिंग के मामले में पकड़े गए वाहनों के नंबर बता कर उन्हें छोड़ने को कहा गया है। पत्र में कहा गया है कि उनके द्वारा यह पत्र मुख्यमंत्री के मौखिक आदेश पर लिखा गया है।
सरकार जिस पर विपक्ष पहले से ही खनन माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगाता रहा है तथा पुष्कर सिंह धामी को खनन प्रिय मुख्यमंत्री बताता रहा है इस पत्र के सामने आने से उसे हमलावर होने का मौका मिल गया है। सीएम के ओएसडी नंदन सिंह बिष्ट के इस पत्र के वायरल होने से सीएम धामी व सरकार की खासी किरकिरी हो रही थी। हालांकि सीएम के ओएसडी नंदन सिंह बिष्ट इसे स्वयं द्वारा लिखे जाने से इंकार कर रहे हैं और अपने अंग्रेजी में हस्ताक्षर करने की बात कहकर यह सफाई पेश कर रहे हैं कि इस पत्र में हिंदी में हस्ताक्षर किए गए हैं। लेकिन सवाल यह है कि सरकारी लेटर हेड पर इस तरह सीएम और उनके ओएसडी के नाम का दुरुपयोग अगर होता है तो उसके लिए जिम्मेदार कौन है? सरकार और मुख्यमंत्री धामी ने इस मामले को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए ओएसडी नंदन सिंह को तो बर्खास्त कर दिया गया है लेकिन इस खत के जो दाग सीएम और उनकी पार्टी की सरकार पर लगे उसका क्या होगा? विपक्ष ने इस मुद्दे का अब हाथों—हाथ लपक लिया है जिसे लेकर वह सरकार की घेराबंदी में जुटा हुआ है।