महिलाओं के कपड़ों पर बयान देकर फंसे चीमा

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  • भाजपा नेताओं की मानसिकता का परिचायकः प्रीतम सिंह
  • पार्टी का चीमा के बयान से कुछ लेना—देना नहींः महेन्द्र भट्ट

देहरादून। एक तरफ उत्तराखण्ड में महिला अपराधों का बढ़ता हुआ ग्राफ है तो वहीं दूसरी ओर इन्हे लेकर होने वाली राजनीति भी उफान पर है। पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा द्वारा कल एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जिस तरह से महिलाआें के पहनावे को लेकर सवाल उठाये गये है उसे लेकर बड़ा बवाल खड़ा हो गया है।
पूर्व विधायक चीमा द्वारा अपनी इस विज्ञप्ति में महिलाओं के साथ होने वाली रेप जैसी घटनाओं के लिए उन्हे भारतीय संस्कृति के अनुरूप ही कपड़े पहनने की नसीहत दी गयी है। उनके द्वारा यह बयान ऐसे समय मेंं सामने आया है जब एक तरफ कांग्रेस महिला अपराधों को लेकर उग्र धरने प्रदर्शन कर रही है। वहीं राज्य में दो विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव भी 10 जुलाई को होने जा रहे है। कांग्रेस ने इस मुद्दे को हाथों हाथ लपक लिया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रीतम सिंह का कहना है कि महिलाओं को लेकर भाजपा और उसके नेताओं की क्या सोच रही है? यह कोई नई बात नहीं है। बात चाहे पूर्व सीएम की रही हो जो लड़कियों की फटी जींस पर टीका टिप्पणी करते थे या फिर अब भाजपा के पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा के बयान की हो। भाजपा नेताओं का महिलाओं के प्रति उसकी मानसिकता और सोच का प्रतीक है। उन्होने कहा कि भाजपा के नेताओं का असली चाल चरित्र यही है। जिसका प्रमाण वह समय—समय पर बयानो व अपने कृत्यों से देते रहते है।
उधर इस मुद्दे से अनिभिज्ञता जाहिर करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट ने कहा कि चीमा अब 80 वर्ष के हो चुके है उनका यह बयान अपने समय के कालखण्ड की उनकी अपनी सोच हो सकती है। उनके इस बयान का पार्टी से कोई लेना देना नहीं है। भले ही अब भाजपा अब चीमा के इस बयान से पल्ला झाड़ रही हो लेकिन कांग्रेस ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और भाजपा ने उसे बैठे बैठाये बोलने का एक मुद्दा दे दिया है।

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