स्कूलों में दो माह बाद भी पुस्तकें उपलब्ध नहीं

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शिक्षा मंत्री पर मुकदमा दर्ज करेंः मर्ताेलिया
पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजकर की मांग

पिथौरागढ़। जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने पुलिस अधीक्षक को एक लिखित तहरीर देकर इस बात पर आपत्ति जताई है कि राज्य के स्कूलों में अभी तक शत—प्रतिशत पुस्तके सरकार द्वारा उपलब्ध नहीं कराई गई हैं, जिसके लिए राज्य के शिक्षा मंत्री जिम्मेदार हैं। पुस्तकें उपलब्ध न होने के कारण बच्चों की शिक्षा का नुकसान हो रहा है सरकार का यह कृत्य एक गंभीर अपराध है जिसके लिए शिक्षा मंत्री के खिलाफ मुकदमा दायर करें।
ऑनलाइन पुलिस अधीक्षक पिथौरागढ़ को भेजी गई शिकायत में जिला पंचायत सदस्य जगत मर्ताेलिया ने कहा है कि राज्य में स्कूल खुले दो माह का समय बीतने को है। लेकिन शिक्षा सत्र शुरू होने के दो माह बाद भी सरकारी स्कूलों में किताबें उपलब्ध न कराया जाना एक गंभीर आपराधिक मामला है। उनका कहना है कि अभी तक राज्य के किसी भी सरकारी स्कूल में शत—प्रतिशत पुस्तके नहीं पहुंची हैं। जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई का भारी नुकसान हो रहा है।
उनका कहना है कि यह सरकार की घोर लापरवाही का नतीजा है कि स्कूल खुलने के 50—60 दिन बाद भी स्कूलों को पुस्तक नहीं मिली है ऐसे में बच्चों को क्या पढ़ाया जाए? एक बड़ी समस्या है। उनका आरोप है कि खुद उनके क्षेत्र में भी स्कूलों की पूरी किताबें उपलब्ध नहीं है। जगत मर्तोलिया ने पुलिस अधीक्षक को भेजी शिकायत में शिक्षा मंत्री के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की अपील की है।
उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या कम होने पर चिंता जताई जाती रही है और स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने की बड़ी—बड़ी बातें तो की जाती है लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि इन स्कूलों की व्यवस्थाओं का बुरा हाल है। शिक्षकों की कमी से लेकर भवन, शौचालय और पेयजल तक की व्यवस्थाएं नहीं है। वही समय पर सरकार पुस्तके तक उपलब्ध नहीं करवा पा रही है।

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