भंग होगा देवस्थानम बोर्डः धामी

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साधु संत और तीर्थ पुरोहितों में खुशी की लहर
सरकार ने त्रिवेन्द्र सिंह का एक और फैसला बदला

देहरादून। देवस्थानम बोर्ड को भंग करेगी सरकार। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की घोषणा कर दी है। मुख्यमंत्री की इस घोषणा से तीर्थ पुरोहितों व हकहकूक धारियों एवं पुजारियों में खुशी की लहर है।
दो साल पूर्व अस्तित्व में आए देवस्थानम बोर्ड को भंग किया जाएगा। देवस्थानम बोर्ड को लेकर दो सालों से तीर्थ पुरोहितों और हक हकूक धारियों द्वारा आंदोलन किया जा रहा था उनकी मांग थी कि सरकार बोर्ड को भंग करें और पुरानी व्यवस्था को लागू करें। 2019 में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा 5 दिसंबर 2019 को इस आशय का प्रस्ताव विधानसभा में पारित किया गया था तथा 14 जनवरी 2020 में राज्यपाल की संस्तुति के बाद देवस्थानम बोर्ड अस्तित्व में आया था। जिसमें राज्य के चारों प्रमुख धामों सहित राज्य के 51 अन्य मंदिरों को भी बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में लाया गया था। तभी से तीर्थ पुरोहित और हक हकूकधारी इस फैसले का विरोध कर रहे थे और इसे अपने अधिकारों पर कुठाराघात मानते हुए सरकार पर धार्मिक कामों में हस्तक्षेप का आरोप लगा रहे थे। सरकार के इस फैसले से तीर्थ पुरोहित इतने नाराज थे कि उन्होंने इसी माह पीएम मोदी के केदारनाथ दौरे से एक दिन पूर्व केदार धाम मंदिर में त्रिवेंद्र सिंह को नहीं घुसने दिया गया था। तथा बीते 27 नवंबर को सचिवालय का घेराव कर सरकार के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन करते हुए चुनाव में परिणाम भोगने की चेतावनी दी गई थी। हालांकि मोदी के दौरे से पूर्व सीएम धामी ने उन्हें 30 नवंबर तक समस्या समाधान का उचित फैसला लेने का आश्वासन दिया गया था।
आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की घोषणा करते हुए कहा कि उन्होंने यह फैसला उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट के अध्ययन और जन भावनाओं के मद्देनजर लिया है। सीएम धामी ने भले ही अभी इसके बारे में ज्यादा कुछ न कहा हो लेकिन देवस्थानम बोर्ड एक्ट को रद्द करने के लिए सरकार को पहले इसका प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में लाना पड़ेगा, कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे विधानसभा में पेश करना पड़ेगा तथा विधानसभा से प्रस्ताव पारित होने के बाद राज्यपाल की मंजूरी को भेजना पड़ेगा। राजभवन से मंजूरी के बाद यह एक्ट निरस्त हो जाएगा।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने वाले तीरथ सिंह रावत के समय से ही देवस्थानम बोर्ड के फैसले पर पुनर्विचार करने की बात शुरू हो गई थी। धामी के इस निर्णय से साधु संत और तीर्थ पुरोहितों में खुशी की लहर है उन्होंने मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया है।

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