बद्री केदार मंदिर समिति के सामने चारधाम यात्रा के सुचारू संचालन की चुनौती

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कोरोना और मौसम की मार से निपटना होगा
मई से पूर्व व्यवस्थाओं को कैसे करेंगे दूरस्त

देहरादून। देवस्थानम बोर्ड का अस्तित्व खत्म होने के बाद भले ही बद्री—केदार मंदिर समिति के हाथों में चार धाम यात्रा संचालन का अधिकार आ गया हो, लेकिन मई माह से शुरू होने वाली चार धाम यात्रा के सुचारू संचालन की चुनौती भी अब समिति के सामने होगी।
ठीक 2 साल पहले 25 फरवरी 2020 से अस्तित्व में आए देवस्थानम बोर्ड के बाद से बद्री—केदार मंदिर समिति यात्रा प्रबंधन की जिस जिम्मेवारी से मुक्त रही उस देवस्थानम प्रबंधन एक्ट के निरसन विधेयक पर राजभवन की मुहर लगने के साथ ही वह निष्प्रभावी हो गया है। देवस्थानम बोर्ड के गठन के विरोध में 2 साल तक तीर्थ पुरोहित तथा हक—हकूकधारियों द्वारा आंदोलन चलाया गया। चुनावी दबाव में सरकार को अपने कदम वापस खींचने पड़े। आखिरकार उन्हें सफलता मिल ही गई। लेकिन 2 साल तक यात्रा संचालन की जिम्मेवारी से दूर रही बद्री—केदार मंदिर समिति के सामने आगामी यात्रा सीजन को सुचारू और सुरक्षित बनाने की बड़ी जिम्मेवारी भी उसके सर पर आ गई है।
पुरानी व्यवस्था बहाली को लेकर मंदिर समिति और पुरोहित, पंडा समाज खुश जरूर है लेकिन उनके सामने चुनौतियां भी कम नहीं है। इस बाबत बद्री—केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय का कहना है कि कोरोना के कारण तथा व्यवस्थाओं में बदलाव के कारण 2 साल तक प्रभावित रहने वाली चार—धाम यात्रा को सुचारू रूप से संचालित करने और यात्रा को पटरी पर लाने का काम चुनौतीपूर्ण तो है लेकिन समिति ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। उनका कहना है कि तीर्थ पुरोहित और समिति के लोग 2 साल तक आंदोलन में जुटे रहे। तथा कोरोना के कारण स्थितियां भी सामान्य नहीं रही। कई तरह के प्रतिबंधों के कारण 2 साल तक यात्रा का संचालन सुचारू नहीं रह सका वहीं इस साल भी मौसम की विसंगतियां व्यवस्थाओं को ठीक करने में आड़े आ रही हैं। चार धामों में इस साल भयंकर बर्फबारी हुई, रास्तों पर कई—कई फीट बर्फ जमी हुई है तथा बर्फ बारी अभी भी जारी है। सबसे बड़ी चुनौती तो इस बर्फ को हटाने और रास्ता साफ करने की ही है उनका कहना है कि यात्रा सीजन शुरू होने में अब अधिक समय भी नहीं बचा है इसलिए बिजली, पानी तथा सड़कों की मरम्मत का काम भी जरूरी है। लेकिन जब तक बर्फ नहीं हटाई जाती और आवागमन सुनिश्चित नहीं होता तब तक अन्य कार्य भी नहीं हो सकेंगे। लेकिन व्यवस्थाओं को ठीक करने की कोशिशें शुरू की जा चुकी है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस बार यात्रा सीजन बेहतर होगा और लोग रोजी—रोटी के संकट से भी उबर सकेंगे। उल्लेखनीय है कि राज्यपाल द्वारा देवस्थानम बोर्ड निरासन विधेयक पर हस्ताक्षर कर देने के बाद चार—धाम यात्रा संचालन की पुरानी व्यवस्था बहाल हो गई है।

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