विडंबनाः बात पहाड़ की और दौड़ मैदान की ओर

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श्री देव सुमन विश्वविघालय का दीक्षांत समारोह दून मे क्यों?

देहरादून। पहाड़ के विकास और पहाड़ की राजधानी पहाड़ में होने की पैरवी करने वाले पहाड़ के लोग और नेता तथा अधिकारी खुद पहाड़ से कितना लगाव रखते हैं? यह सवाल यूं तो लंबे समय से चर्चाओं के केंद्र में हैं। लेकिन इसकी ताजा मिसाल है श्री देव सुमन विश्वविघालय टिहरी के दीक्षांत समारोह का राजधानी दून में आयोजित किया जाना।
श्रीदेव सुमन विश्वविघालय टिहरी का तीसरा दीक्षांत समारोह आगामी 6 जुलाई को आयोजित किया जा रहा है। इस दीक्षांत समारोह में टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय को अति विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। विश्वविघालय के कुलपति पीपी ध्यानी ने उन्हें पत्र लिखकर उन्हें दीक्षांत समारोह में आमंत्रित किया गया है। पत्र में इस बात का उल्लेख किया गया है कि दीक्षांत समारोह का आयोजन पीस्टल वीड कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन, मसूरी डायवर्शन रोड देहरादून में किया जाएगा।
टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ने खुद इस बात पर हैरानी व्यक्त की है कि जब विश्वविघालय टिहरी में है तो उसका दीक्षांत समारोह राजधानी में क्यों? उनका कहना है कि जब विश्वविघालय टिहरी में है तो दीक्षांत समारोह भी टिहरी में ही होना चाहिए था। उनके यह कहने का आशय साफ है कि हम बात तो पहाड़ की करते हैं लेकिन पहाड़ से खुद ही दूर भाग रहे हैं। किशोर उपाध्याय इस दीक्षांत समारोह में शामिल होंगे या नहीं यह तो पता नहीं लेकिन विधायक चुने जाने के बाद वह टिहरी में ही रह रहे हैं और अभी बीते दिनों उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर इस बात का अनुरोध भी किया था कि विधायकों को दी जाने वाली आवासीय सुविधा उन्हें टिहरी में दी जाए और अगर दून में उन्हें आवास अलाट किया गया है तो उसे रद्द कर दिया जाए। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि सूबे की नई ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में घोषित किए जाने के बाद भी सरकार द्वारा अभी हाल ही में संपन्न हुए बजट सत्र को भी दून में ही आयोजित किया गया था जिसे लेकर विपक्ष ने नाराजगी जताई थी। लेकिन यह स्पष्ट है कि पहाड़ की बात करने वाले पहाड़ के लोग ही पहाड़ से दूर भाग रहे हैं। वह खुद भी मैदानी भागों की ओर भाग रहे हैं।

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