‘गेम जोन’ में आग लगने से 40 बच्चों समेत 27 लोगों की मौत!

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राजकोट। गुजरात के राजकोट शहर में शनिवार शाम एक ‘गेम जोन’ में भीषण आग लगने से चार बच्चों समेत कम से कम 27 लोगों की मौत हो गई। अभी मौत का आंकड़ा थमा नहीं है, अधिकारियों ने यह जानकारी दी है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
पुलिस ने बताया कि ‘गेम जोन’ के मालिक और प्रबंधक को हिरासत में लिया गया और पूछताछ के लिए थाने ले जाया गया। वहीं राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया है।
अधिकारियों ने बताया कि गेमिंग गतिविधियों के लिए निर्मित फाइबर के एक ढांचे में शाम करीब साढ़े चार बजे आग लग गई, जिसके बाद प्रभावित टीआरपी गेम जोन में राहत एवं बचाव अभियान जारी है। उन्होंने बताया कि भीषण आग के कारण ढांचा ध्वस्त हो गया। सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) राधिका भराई ने कहा, ‘आग की घटना में 27 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। शव पूरी तरह से जल गए हैं और उनकी पहचान करना मुश्किल है।’ एसीपी विनायक पटेल ने कहा कि मृतकों में 12 साल से कम उम्र के कम से कम चार बच्चे शामिल हैं। तो वहीं जिले के अधिकारियों ने बताया कि बचाव अभियान जारी होने के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, नाना-मावा रोड स्थित गेम जोन में यह हादसा उस समय हुआ जब बच्चों सहित कई लोग खेल रहे थे। सरकार ने घटना की जांच अपर पुलिस महानिदेशक सुभाष त्रिवेदी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंपी है। राजकोट के जिलाधिकारी प्रभाव जोशी ने बताया, ‘गेम जोन में आग लगने की सूचना अग्नि नियंत्रण कक्ष को शाम करीब 4:30 बजे मिली। आग बुझाने के लिए दमकल गाड़ियां और एंबुलेंस मौके पर पहुंचीं और मलबा हटाया जा रहा है।’
राजकोट के गेम जोन में इस आग से जुड़ी मौत का अपडेट लगातार सामने आ रहा है। कार्रवाई के बारे में जानकारियां सामने आ रही हैं। हालांकि, भीषण आग लगने का सही कारण पता नहीं चल पाया है। सवाल ये उठता है कि आखिर गेम जोन में कैसे आग लगी और इसका असल जिम्मेदार कौन है? राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घटना पर दुख जताया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत अन्य नेताओं ने भी घटना पर दुख जाहिर किया है।
राजकोट की घटना के बाद राज्य अलर्ट मोड में है। मुख्यमंत्री पटेल के आदेश के बाद वडोदरा और जूनागढ़ गेम जोन में जांच शुरू हो गई। गेम जोन में हुए हादसे में मौत का आंकड़ा 27 पहुंच गया है। घटना के बाद सूरत जिला प्रशासन भी अलर्ट हुआ, जहां आपातकाल बैठक बुलाई गई। सूरत पुलिस सहित सूरत महानगरपालिका, दक्षिण गुजरात विधुत निगम, टोरंट पॉवर, फायर ब्रिगेड के आला अधिकारियों के साथ जिला प्रशासन ने बैठक की। शहर के अलग-अलग इलाकों में सरप्राइज चेकिंग शुरू किया गया। सूरत में करीबन 16 जगहों पर गेम ज़ोन पर बने है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बचाव और राहत प्रयासों के बारे में जानकारी लेने के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से बात की। पीएम ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “राजकोट में आग की घटना से हम सभी अत्यंत दुखी हैं। कुछ समय पहले गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल जी के साथ मेरी टेलीफोन पर बात हुई। उन्होंने मुझे प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया।
राष्ट्रपति मुर्मू ने एक पोस्ट में कहा, ‘गुजरात के राजकोट में एक ‘गेम जोन’ में आग लगने की घटना में लोगों की मौत के बारे में जानकर मुझे गहरा दुख हुआ है। हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। मैं ईश्वर से हादसे में घायल लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करती हूं।’
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भीषण आग की घटना में लोगों की मौत पर दुख जताते हुए कहा कि इस मामले में जवाबदेही जल्द से जल्द तय हो और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि राज्य सरकार के लचर रवैये के कारण इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। इसके अलावा पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘गुजरात के राजकोट में आग लगने की घटना के बारे में जानकर स्तब्ध हूं, जिसके परिणामस्वरूप कई लोगों की जान चली गई। गेम जोन में लगी आग में कई अन्य लोग फंस गए, जो चिंताजनक है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को चार लाख रुपये तथा प्रत्येक घायल को 50,000 रुपये की राशि देने की घोषणा की है। आग लगने के बाद राजकोट के पुलिस आयुक्त राजू भार्गव ने मीडियाकर्मियों को बताया कि आग लगने के कारणों की जांच की जाएगी और शहर के सभी ‘गेमिंग जोन’ को परिचालन बंद करने का संदेश जारी किया गया है।

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