आज भी हिस्सा—हिस्सा बंटी नजर आई कांग्रेस

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नेता विपक्ष की ताजपोशी में 11 विधायक नहीं दिखे
हरीश रावत कल भी रहे मौजूद और आज भी

देहरादून। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस की गुटबाजी अब छुपाने से भी नहीं छुप रही है भले ही कांग्रेस के तमाम नेता पार्टी में गुटबाजी से इंकार करें या फिर एकता के लाख दावे करें, लेकिन कल प्रदेश अध्यक्ष की ताजपोशी के दौरान 19 में से 8 विधायकों की गैर हाजिरी और मंच पर हुई कुर्ता—घसीटन ने उनकी एकता की कलई सबके सामने खोल कर रख दी। ठीक वैसा ही नजारा आज नेता विपक्ष व उप नेता विपक्ष की ताजपोशी के दौरान भी देखने को मिला। जब 19 में से सिर्फ 8 विधायक ही उनके साथ खड़े दिखे।
हाईकमान द्वारा प्रदेश कांग्रेस की इस गुटबाजी के चलते ही प्रदेश अध्यक्ष और नेता विपक्ष के चयन में प्रीतम सिंह और हरीश रावत दोनों को ही किनारे कर दिया गया था। लेकिन इसके साथ विवाद खत्म होने के बजाय और अधिक बढ़ गया। गढ़वाल मंडल की उपेक्षा का आरोप लगाकर तथा कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने वाले यशपाल आर्य को नेता विपक्ष बनाने के विरोध के कारण अब हालात यह है कि प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के सामने भी यह चुनौती खड़ी हो गई है कि वह इस हाल में पहुंची कांग्रेस को कैसे एकजुट रख सकेगें।
प्रीतम सिंह जो नेता विपक्ष के सबसे प्रबल दावेदार थे, न तो कल करन माहरा की ताजपोशी में मौजूद थे न आज आर्य के कार्यभार संभालने के समय मौजूद रहे। १९ में से सिर्फ 8 विधायकों की मौजूदगी यह बताती है कि हालात कितने गंभीर हैं। कांग्रेस के सामने निकाय चुनाव व 2024 के चुनाव की चुनौती है लेकिन इससे हिस्से में बंटी कांग्रेस से कैसे निभाईगी? भले ही करन माहरा यह कह रहे हो कि वह सबसे छोटे हैं तथा सभी को साथ लेकर चलेंगे और काम करने वालों को पूरा सम्मान दिया जाएगा लेकिन उनके सामने कांग्रेस को एक सूत्र में बांधे रखना कठिन ही नहीं असंभव चुनौती है।

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