38 को फांसी व 11 को उम्रकैद

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14 साल बाद आया अहमदाबाद ब्लास्ट पर फैसला
2008 की घटना में 56 लोगों की गई थी जान, 200 घायल


अहमदाबाद। अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट केस में आज सिटी सिविल कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए 38 आरोपियों को फांसी और 11 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। देश के इतिहास में यह पहला मामला है जब किसी आपराधिक मामले में इतनी बड़ी संख्या में फांसी और उम्र कैद की सजा सुनाई गई है।
उल्लेखनीय है कि 26 अप्रैल 2008 को अहमदाबाद में हुए इस सीरियल बम ब्लास्ट की घटना में 56 लोगों की मौत हुई थी तथा 200 के लगभग लोग घायल हो गए थे। नरेंद्र मोदी की तत्कालीन गुजरात सरकार ने इस मामले की जांच कराने के आदेश दिए थे। 70 मिनट में अहमदाबाद में हुए इन बम विस्फोटों से पूरा देश दहल गया था। इस गंभीर मामले में अहमदाबाद में 20 और सूरत में 15 प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
2008 के इस मामले की लंबी चली सुनवाई के दौरान 1100 गवाह पेश किए गए। 14 साल चली सुनवाई के बाद बीते 8 फरवरी को अदालत द्वारा 78 आरोपियों में से 49 को दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। अदालत द्वारा आज सुनाये गए अपने फैसले में 38 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है जिसमें से आठ आरोपी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। खास बात यह है कि इन 8 में से सात आरोपी अकेले आजमगढ़ से हैं जिन्हें फांसी की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा 11 लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है जबकि इस मामले में एक आरोपी को पुलिस का गवाह बनने और मामले के खुलासे में सहयोग के लिए बरी किया गया है।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि इस मामले की जांच कर रही टीम द्वारा सीरियल ब्लास्ट की इस घटना के बाद संदिग्धों के ठिकानों पर छापेमारी करते हुए सूरत और अहमदाबाद से 29 जिंदा बम बरामद किए गए थे तथा 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
जांच टीम को पता चला था कि अहमदाबाद के इस सीरियल बम ब्लास्ट की इस घटना के पीछे 2002 में घटित गोधरा कांड था जिसके बदले के परिणाम स्वरुप इसे अंजाम दिया गया था। इस मामले में प्रारंभिक दौर में इंडियन मुजाहिदीन जिसने इसकी जिम्मेदारी ली थी को ही जिम्मेदार माना जा रहा था। लेकिन बाद में जब जांच आगे बढ़ी तो इसके तार सिमी से भी जुड़े पाए गए। देश के इतिहास में यह पहला मामला है जब किसी आपराधिक मामले में 38 लोगों को फांसी व 11 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

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