भू—कानून संशोधन वापस ले सरकारः प्रीतम

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सूबे की भाजपा सरकार को अपने फैसलों पर भरोसा नहीं
गैरसैंण को लेकर सरकार में इच्छाशक्ति की कमी

देहरादून। उत्तराखंड सरकार के शीतकालीन सत्र का आयोजन देहरादून में कराए जाने पर नेता विपक्ष प्रीतम सिंह ने बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि विपक्ष चाहता था कि विधानसभा का शीतकालीन सत्र गैरसैंण में ही आयोजित किया जाए लेकिन सरकार में इच्छाशक्ति की कमी के कारण ऐसा नहीं हुआ और सरकार अब इसमें विपक्ष की सहमति की बात कह रही है।
नेता विपक्ष प्रीतम सिंह द्वारा आज कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा गया कि भाजपा ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया था तो वहां आज तक एक भी पूर्ण सत्र का आयोजन क्यों नहीं किया। उन्होंने कहा कि शीतकालीन सत्र पहले गैरसैंण में कराने की बात कही गई और अब इसे भी दून में कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार में इच्छाशक्ति ही नहीं है वह कहती कुछ है और करती कुछ है। उन्होंने कहा कि हम गैरसैंण सत्र के लिए तैयार थे, अब कहा जा रहा है कि हमारी मांग पर दून में सत्र रखा गया है। उन्होंने कहा कि गैरसैंण को लेकर सरकार कतई संवेदनशील नहीं है।
नेता विपक्ष ने भाजपा की सरकार को रोलबैक सरकार बताते हुए कहा कि अपने ही फैसलों को पलटने वाली भाजपा सरकार ने खुद ही यह सिद्ध कर दिया है कि उसके फैसले गलत थे। प्रीतम सिंह ने सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि धामी सरकार को त्रिवेंद्र सरकार का वह फैसला भी वापस लेना चाहिए जिसके जरिए उन्होने भू कानून में संशोधन कर भू—माफियाओं के लिए जमीनों की लूटपाट का रास्ता खोला। उल्लेखनीय है कि त्रिवेंद्र सरकार द्वारा भू—कानून की धारा 154 में संशोधन किया गया था। उन्होंने कहा कि सरकार को अपने भू संशोधन कानून को भी वापस लेना चाहिए। क्योंकि इस संशोधन का उद्देश्य भू माफियाओं को लाभ पहुंचाना था। उन्होंने कहा कि अपने ही फैसलों को वापस लेने वाली भाजपा सरकार को जब खुद अपने काम पर भरोसा नहीं है तो जनता उनके काम पर क्या भरोसा करेगी? उन्होंने कहा कि सरकार नया भू कानून लाने की बात कह रही है नया भू कानून लाने से पूर्व सरकार भू कानून संशोधन को रद्द करें। पत्रकार वार्ता में प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल सहित कई लोग उपस्थित थे।

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