कोरोना का खतरा

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राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों से यह साफ हो गया है कि खतरा कितना गंभीर है। दो दिन पूर्व राज्य में 1 दिन में 29 नए मरीज मिले थे जबकि बीते कल प्रदेश में 53 नए मरीज मिले हैं इसके अलावा कल ही पुलिस के 21 तथा आरबीआई के 24 जवान संक्रमित पाए गए हैं। जो कुल मिलाकर यह संख्या 98 हो जाती है। दो जवानों के टनकपुर नेपाल सीमा क्षेत्र में संक्रमित पाए जाने की खबर है। यानी 1 दिन में यह आंकड़ा 100 तक पहुंच गया है। खास बात यह है कि बीते 1 सप्ताह में अगर संक्रमितों की कुल संख्या को जोड़ा जाए तो यह सरकारी आंकड़ों में प्रदेश में बताई जा रहे कुल सक्रिय मामलों 183 से कहीं अधिक बैठती है। एक अन्य महत्वपूर्ण बात यह है कि कोरोना का टीका आने के बाद तमाम राज्यों के स्वास्थ्य महकमों का सबसे अधिक जोर टीकाकरण पर केंद्रित हो गया था तथा टेस्टिंग पर कोई खास ध्यान नहीं दिया जा रहा था। यही कारण है कि कोरोना के केसों में लगातार कमी होती रही और स्वास्थ्य विभाग तथा सत्ता में बैठे लोग खुश होते रहे कि उन्होंने कोरोना के खिलाफ जंग जीत ली है। सभी पाबंदियों को हटा लिया गया और लोगों ने मास्क तक उतार कर फेंक दिए। राष्ट्रपति कोविंद के हरिद्वार और ऋषिकेश दौरे के दौरान बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद हरकत में आए शासन प्रशासन ने जब टेस्टिंग पर ध्यान दिया तो पता चला कि स्थिति चार—पांच महीने पहले से भी अधिक खराब है। इस बीच दक्षिण अफ्रीकी देशों में कोरोना के अति घातक में वैरीयंट ओमीक्रोन के सामने आने की खबर ने भी लोगों को सतर्क कर दिया है। विश्व भर में तेजी से अपने पैर पसारने वाले इस ओमीक्रोन के खतरे को लेकर देश में चिंता बढ़ गई है। भले ही अभी तक भारत में इस नये वैरीयंट का कोई मामला सामने न आया सही लेकिन विश्व के 24 देशों में पहुंच चुके इस घातक वैरीयंट के संभावित खतरे से कब दो—चार होना पड़े कुछ नहीं कहा जा सकता है। यही कारण है कि भारत जो 15 दिसंबर से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने जा रहा था उस पर फिलहाल विराम लगा दिया गया है। वहीं विदेशों से आने वाले यात्रियों और उड़ानों पर विशेष नजर रखी जा रही है सही मायने में भारत को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर अन्य देशों की तरह पूरी तरह रोक लगा दी जानी चाहिए क्योंकि ओमीक्रोन का खतरा कोई साधारण खतरा नहीं है। दक्षिण अफ्रीका में बीते 1 सप्ताह में इसके 400 प्रतिशत वृद्धि के आंकड़े डराने वाले हैं। एक अन्य खास बात यह भी है कि आगामी साल में पांच राज्यों के जो विधानसभा चुनाव होने वाले हैं उन्हें लेकर अभी से रैलियां व जनसभाओं का जो क्रम शुरू हुआ उसे रोके जाने की जरूरत है क्योंकि इनमें हजारों और लाखों की भीड़ जुट रही है जो कोरोना विस्फोट का बड़ा कारण बन सकता है। तीसरी लहर के बारे में आशंकाएं जताई जा रही थी वह तीसरी लहर अब आना सुनिश्चित हो चुकी है वही इसके अति घातक रहने की संभावनाएं दिखने लगी है। इसलिए बड़े स्तर पर सावधानी जरूरी हो जाती है।

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