एसआईटी की टीम ने दिल्ली से दबोचा
शरद और मल्लिका को लाया गया हरिद्वार
नई दिल्ली/देहरादून। हरिद्वार महाकुंभ के दौरान फर्जी कोविड टेस्ट घोटाले के मुख्य आरोपी शरत पंत और उनकी पत्नी मल्लिका पंत को आखिरकार बीती रात एसआईटी की टीम ने दिल्ली से गिरफ्तार कर ही लिया। पुलिस अब शरद और मल्लिका को हरिद्वार लेकर आ गई है जहां इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
हरिद्वार महाकुंभ के दौरान कोरोना टेस्टिंग में करोड़ों रुपए का घोटाला किए जाने का मामला सामने आया था। उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग द्वारा टेस्टिंग का काम जिन्हें सौंपा गया था उन्होंने इसे खुद न करते हुए अन्य अनुबंधित लैब को सौंप दिया गया और इन लैब द्वारा लाखों लोगो के फर्जी नाम व पते पर कोरोना टेस्ट किया जाना दर्शा कर सरकार से करोड़ों रुपया वसूल लिया गया।
एसआईटी की टीम द्वारा बीती रात दिल्ली से गिरफ्तार किए गए शरत पंथ और उनकी पत्नी मल्लिका मैक्स कॉरपोरेटर सर्विसेज में पाटनर भी हैं जिसे यह टेस्टिंग का काम दिया गया था। इन्होंने ही दो अन्य लैब को हायर किया था। इस घोटाले का खुलासा तब हुआ जब हरिद्वार निवासी कुछ लोगों द्वारा बिना टेस्ट कराए ही अपने फोन पर टेस्टिंग के परिणाम के बारे में मैसेज आने की जानकारी दी गई।
इस घोटाले के बारे में तत्कालीन सीएमओ डॉक्टर शंभू झा द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इस मामले में आरोपी शरद पंत, मल्लिका पंत लंबे समय से अपनी गिरफ्तारी से बचने का प्रयास कर रहे थे। न्यायालय ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी लेकिन उसकी समय सीमा समाप्त होने के बाद वह पुलिस को चकमा देते रहे हैं उनके अलावा नलवा लैब के मालिक नवतेज नलवा के भी कुर्की वारंट जारी हो चुके हैं जो अभी अदालत में पेश नहीं हुए हैं। डीआईजी डॉ योगेंद्र सिंह रावत का कहना है कि अन्य आरोपी भी बहुत जल्द पुलिस की गिरफ्त में होंगे उन्होंने कहा कि मामले की जांच जारी है।