तीसरा दशक उत्तराखंड का

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अपने केदारनाथ दौरे के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो सबसे अहम बात कही वह थी तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा। उनकी यह भविष्यवाणी हवा—हवाई नहीं कही जा सकती है। उन्होंने अपनी इस घोषणा के साथ उन बातों का भी उल्लेख किया है कि क्याेंं होगा? उत्तराखंड राज्य गठन के दो दशक पूरे हो चुके हैं। आमतौर पर हम अब तक यही सुनते आए हैं कि क्या इसलिए ही हमने अलग राज्य के लिए कुर्बानियां दी थी? या फिर हम उत्तराखंड को शहीदों की अपेक्षा का उत्तराखंड नहीं बना पाए हैं। अलग राज्य कैसा होना चाहिए ये इसके अलग—अलग मापदंड हो सकते हैं। लेकिन जो लोग यह सोचते हैं कि अलग राज्य बनने के बाद यहां कुछ हुआ ही नहीं या इससे बेहतर तो यही था कि अलग राज्य न ही बनता तो अच्छा था वह सर्वथा गलत है। उत्तराखंड की जिस तरह की विषम भौगोलिक परिस्थितियां है उन परिस्थितियों में विकास कार्यों को बहुत तेज रफ्तार से आगे बढ़ा पाना आसान नहीं है। लेकिन आने वाले कुछ ही सालों में ऑल वेदर रोड और कर्णप्रयाग—ऋषिकेश रेल लाइन का काम पूरा होने तथा एयर कनेक्टिविटी जिसमें उड़ान योजना भी शामिल है, के सुचारू संचालन के साथ ही राज्य के पर्यटन और विकास को एक नई उड़ान अवश्य मिलेगी। राज्य के अपने पास अब तक आय के पर्याप्त संसाधन न होने के कारण प्रथम चरण के विकास कार्य अधिक मुश्किल में थे जबकि अब अगले चरण के काम काफी हद तक आसान होंगे। उत्तराखंड में पर्यटन और धार्मिक पर्यटन की अपरिमित संभावनाएं हैं जो आने वाले दिनों में राज्य की स्थिति परिस्थितियों को बदल सकती है। यही नहीं राज्य ऊर्जा व ऑक्सीजन का एक ऐसा प्रचुर स्रोत है जो उसके विकास यात्रा में मील का पत्थर साबित हो सकता है। आने वाले सालों में पर्यटकों की संख्या अगर 10 गुना हो जाती है जैसा कि प्रधानमंत्री ने कहा है तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी। दून से दिल्ली तक जिस नए हाईवे पर काम हो रहा है वह सड़क मार्ग से दून व दिल्ली के बीच की दूरी को आधा कर देगा वहीं जौलीग्रांट जिसे अब अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में विकसित किया जा रहा है देश—विदेश के लोगों के लिए उत्तराखंड तक पहुंचने की राह को अति आसान बना देगा। रही बात पीएम के वर्तमान दौरे को राजनीतिक दौरा बताए जाने की तो इसमें कोई संदेह किसी को भी नहीं होना चाहिए कि प्रधानमंत्री मोदी कोई गैर राजनीतिक व्यक्ति नहीं है उनकी हर योजना और काम का उद्देश्य अपनी और पार्टी की बेहतरी के लिए ही होगा। क्या कांग्रेसियों द्वारा किया गया जलाभिषेक राजनीतिक नहीं है? मोदी अगर ताबड़तोड़ दौरे यूपी और उत्तराखंड के कर रहे हैं तो उनका प्रत्यक्ष कारण भले ही कुछ रहे लेकिन परोक्ष में उसका उद्देश्य आगामी साल होने वाले चुनाव ही हैं।

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