किसान आर—पार की लड़ाई लड़ेंगे

0
324

उत्तराखंड में बंद का रहा मिला जुला असर

देहरादून। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा बुलाए गए भारत बंद का उत्तराखंड में मिलाजुला असर देखा गया। जहां राज्य के कुछ जिलों में आंदोलनकारी किसानों ने ट्रैक्टर रैलियां निकाली और बाजार बंद रहे वहीं राजधानी दून में भी किसानों ने सांकेतिक धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया तथा जिलाधिकारी के माध्यम से पीएम नरेंद्र मोदी व राष्ट्रपति डॉक्टर गोविंद के नाम ज्ञापन भी सौंपा। जिसमें तीनों काले कानूनों को तुरंत वापस लेने की मांग की गई है।
उत्तराखंड में किसानों के बंद का सबसे ज्यादा असर तराई क्षेत्र में दिखा जहां किसानों ने जगह—जगह ट्रैक्टर रैलियां निकाली और सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। उधम सिंह नगर, काशीपुर व रुद्रपुर तथा नैनीताल में किसानों ने विरोध प्रदर्शन कर तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की। वही रुड़की हरिद्वार और लक्सर तथा भगवानपुर में भी किसानों ने रैली निकाली तथा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। रुड़की में बाजार बंद कराने को लेकर किसान नेता व पुलिस में नोकझोंक भी हुई। उधर सीमावर्ती गागलहेड़ी टोल प्लाजा पर किसानों ने अपने ट्रैक्टर खड़े कर टोल प्लाजा पर कब्जा कर लिया तथा दिल्ली देहरादून राजमार्ग घंटों आवाजाही बाधित रही। किसानों का कहना है कि लड़ाई आर—पार की होगी।
राजधानी दून में किसानों के बंद का आंशिक असर ही देखा गया किसानों ने गांधी पार्क में सुबह दस बजे से चार बजे तक सांकेतिक धरना दिया तथा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। उनके इस बंद को व्यापार मंडल व कांग्रेस तथा आप का समर्थन भी मिला था लेकिन फिर भी अधिकांश बाजार खुले रहे। किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर डीएम के माध्यम से प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति को ज्ञापन भी सौंपा है। गांधी पार्क में धरना देने वालों में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सोमदत्त शर्मा, प्रदेश प्रवक्ता अरुण शर्मा, गढ़वाल मंडल अध्यक्ष लाल सिंह गुर्जर, प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव मलिक, महानगर अध्यक्ष नितिन राठी, जिला संयोजक चिरंजीव सहगल सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे। किसानों का कहना है कि तीनों कानूनों को वापस होने तक आंदोलन जारी रहेगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here