चमोली वासियों ने दी चुनाव बहिष्कार की चेतावनी

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  • पारे के सितम व पेयजल संकट से लोग परेशान
  • दून का पारा 43 व रुड़की का 44 तक पहुंचा

देहरादून। एक तरफ पारे का सितम वहीं दूसरी और धूं—धूं कर जलते जंगलों से बढ़ती तपिश का कहर ऐसे में अगर लोगों को पीने के लिए भी पानी न मिले तो फिर उनका गुस्सा स्वाभाविक है। यूं तो राज्य के कई हिस्से इन समस्याओं से जूझ रहे हैं लेकिन पेयजल की समस्या को लेकर जल संस्थान पर प्रदर्शन करने वाले चमोली के लोगों ने आज तुरंत समस्या का समाधान न करने पर सरकार को उपचुनाव के बहिष्कार की चेतावनी दे डाली है।
इन दिनों राज्य में आसमान से आग बरस रही है। राजधानी दून का पारा आज भी 43 डिग्री सेल्सियस के आस—पास रहा वही रुड़की का पारा 44 डिग्री तक पहुंच गया। बीते 12—13 दिनों से राज्य का मौसम लगातार ऐसा ही बना हुआ है। भले ही पहाड़ पर पारा कुछ कम हो लेकिन वहां जिस तरह से जंगलों में लाल लपटों का तांडव महीनों से जारी है उससे तापमान में भारी वृद्धि हुई है। राज्य में अब तक 1200 से अधिक वनाग्नि की घटनाओं में 1700 हेक्टेयर से अधिक जंगल जलकर राख हो चुके हैं। तथा 10 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
उधर इन दिनों राज्य में चल रही चार धाम यात्रा के कारण हर रोज हजारों वाहनों की आवाजाही से भी पर्यावरण प्रभावित हो रहा है। जंगलों की आग वाहनों की भरमार और धुआं—धुआं होता पहाड़ इन दिनों गंभीर संकट की मार झेल रहा है। उत्तरकाशी से लेकर रुद्रप्रयाग और चमोली तक तमाम क्षेत्रों में अनेक कारणों से पेयजल संकट बना हुआ है विकासनगर और राजधानी दून तक में भी पेयजल संकट के समाधान के लिए टैंकरों का सहारा लिया जा रहा है लेकिन फिर भी लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है।
रूड़की की मंगलौर और चमोली की बद्रीनाथ विधानसभा सीट के लिए 10 जुलाई को मतदान होना है। लेकिन भीषण गर्मी और पेयजल संकट की मार झेल रहे लोग अब चुनाव बहिष्कार की चेतावनी तक देने पर उतर आए हैं। चमोली में आज पेयजल संस्थान पर प्रदर्शन के दौरान लोगों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर जल्द पेयजल संकट का समाधान नहीं हुआ तो वह चुनाव का बहिष्कार करेंगे।

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