- भाजपा के घोषणा पत्र में शामिल करने का सुझाव
- पहले 10 बच्चे पैदा करने की बात अब जनसंख्या नियंत्रण की क्योंः महारा
देहरादून। कांग्रेस का चुनावी घोषणा पत्र जारी होने के बाद अब भाजपा के घोषणा पत्र पर भी चर्चा शुरू हो गई है। घोषणा पत्र के मुद्दों के बारे में सवाल किए जाने पर भाजपा के नेता जनसंख्या नियंत्रण कानून को अपना प्राथमिक मुद्दा बता रहे हैं। उत्तराखंड भाजपा द्वारा घोषणा पत्र समिति को भेजे गए सुझाव में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाने को सर्वाेच्च प्राथमिकता पर रखा गया है तथा यूसीसी की तरह इसका ड्राफ्ट भी उत्तराखंड सरकार द्वारा तैयार किए जाने की बात भी चर्चाओं में है।
इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि राज्य के हित में जो कुछ भी जरूरी होगा वह करेंगे। जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर धामी कहते हैं कि राज्य की मूल संस्कृति को बनाए रखने के लिए जो कुछ भी जरूरी होगा वह करेंगे। यही बात उन्होंने यूसीसी (यूनिफॉर्म सिविल कोड) को लेकर भी कही थी। जिसे अब विधानसभा से मंजूरी के बाद राष्ट्रपति के पास भेजा जा चुका है। मुख्यमंत्री से इस संदर्भ में जब यह पूछा गया कि पहले यूसीसी और जनसंख्या नियंत्रण कानून का ड्राफ्ट उत्तराखंड सरकार द्वारा बनाया जाना क्या उत्तराखंड भाजपा की एक प्रयोगशाला बन चुका है जहां इस तरह के कानून को बनाकर उनका परीक्षण किया जा रहा है। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि यह प्रयोगशाला जैसा शब्द उत्तराखंड के संदर्भ में ठीक नहीं है। उत्तराखंड देवभूमि है उत्तराखंड वीर भूमि है लेकिन सामाजिक सरोकारों से जुड़े कानून अगर उत्तराखंड से निकल कर आते हैं तो यह हमारे लिए गर्व की बात है।
वही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने भाजपा के घोषणा पत्र में जनसंख्या नियंत्रण कानून के मुद्दे पर कहा है कि भाजपा के पास देश और समाज के विकास की न कोई सोच है न कोई विजन है। वह सिर्फ वोट तक ही सोच सकते हैं। उनका कहना है कि यही भाजपा के नेता एक समय में मंचों से हिंदुओं को 10—10 बच्चे पैदा करने की सलाह देते थे और डराते थे कि तुम एक या दो बच्चे पैदा करोगे तो एक दिन अपने ही देश में अल्पसंख्यक बनकर रह जाओगे। आज यही भाजपा के नेता जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की बात करते हैं तो इससे उनकी सोच समझ क्या है इसका पता चलता है।