फर्जी रजिस्ट्री मामले में एक ओर दबोचा, अब तक हुई 18 गिरफ्तारियां

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संवाददाता


देहरादून। फर्जी रजिस्ट्री मामले में पुलिस ने एक ओर गिरफ्तारी की। अब तक इस मामले में 18 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
आज यहां इसकी जानकारी देते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि फर्जी रजिस्ट्री मामले में गठित एसआईटी टीम द्वारा मुकदमा दर्ज कर जांच में 12 अक्टूबर को मुख्य हुमायू परवेज को गिरफ्तार किया गया था, जिससे पूछताछ में उक्त प्रकरण में कुछ अन्य व्यक्तियों के नाम भी प्रकाश आये थे। जिनके विरूद्ध साक्ष्य संकलन की कार्यवाही करते हुए 12 अक्टूबर की देर रात्रि एसआईटी टीम द्वारा प्रकाश में आये एक अन्य देवराज तिवारी निवासी बंजारवाला रोड नेहरू कालोनी को उपरोक्त मुकदमें में गिरफ्तार किया गया। फर्जी रजिस्ट्री के पेपर को कॉफी या चाय के पानी में डुबा कर उन्हें सुखाते हुए उन पर प्रेस कर तैयार किये गये, फिर लाला सरणीमल एवं लाला मणिराम की 55 बीघा जमीन खसरा नंबर 594, 595 की वर्ष 1958 की फर्जी रजिस्ट्री हुमायूँ के पिताजी जलीलू रहमान एवं देवराज के पिता अर्जुन प्रसाद के नाम पर आरोपी के घर पर सब लोगों के सामने तैयार की गयी। अंग्रेजी की ड्राफ्टिंग देवराज तिवारी द्वारा तैयार की गयी थी, जिसे समीर कामयाब द्वारा बुलाई गई लड़की सना सैफी पुत्री इकबाल निवासी आजाद कॉलोनी टर्नर रोड के द्वारा रजिस्ट्री के कागजों में नकल किया गया। यह काम सना ने समीर कामयाब के कहने पर किया था। फर्जी रजिस्ट्री तैयार होने के बाद उसे सहारनपुर के रिकॉर्ड रूम में जिल्द में चिपकाने के लिए 03 लाख रुपये देव कुमार निवासी सहारनपुर को देने की बात हुई और 03 लाख रुपये एवं फर्जी रजिस्ट्री लेकर शमशाद को भेजा गया, जिसने देव कुमार को 3 लाख रुपये व फर्जी रजिस्ट्री चिपकाने के लिए दे दी। दो—तीन दिन बाद उसकी नकल समीर कामयाब, वकील अहमद और हुमायूँ परवेज सहारनपुर से निकलवा कर ले आए और लाला सरणीमल एवं लाला मणिराम वाली 55 बीघा जमीन की पैमाइश करने के लिए हुमायूँ द्वारा एसडीएम के यहां एक वाद दायर किया गया और उसकी एक फाइल हाई कोर्ट में भी चला दी थी। हाई कोर्ट के आदेश से संयुक्त टीम द्वारा उक्त भूमि का निरीक्षण किया गया तथा हुमायूँ परवेज को कागज दिखाने को भी कहा परंतु उक्त जमीन वर्ष 1958 में ही तत्कालीन जिलाधिकारी द्वारा रक्षा मंत्रालय को हस्तान्तरित की गयी थी, जिस कारण हुमायूँ परवेज का वाद खारिज हो गया और सारे मंसूबों पर पानी फिर गया।

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