हरिद्वार में महा तबाही, 511 गांव पानी—पानी

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खानपुर—नारसन के 12 गांव सर्वाधिक प्रभावित
बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों के दौरे के बाद भी नहीं जागा प्रशासन

हरिद्वार। पहाड़ पर हो रही ताबड़तोड़ बारिश ने हरिद्वार के निचले हिस्से में भारी तबाही मचाई है। गंगा नदी में आए उफान और सोलानी नदी का तटबंध टूटने से हरिद्वार के 511 गांव जलभराव की चपेट में आ गए हैं। खानपुर और नारसन तथा लक्सर क्षेत्र के 12 गांव सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं हरिद्वार में सबसे अधिक नुकसान फसलों को पहुंचा है।
अपर सचिव सविन बंसल का कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हरिद्वार के आपदा ग्रस्त क्षेत्र का हवाई सर्वे व स्थलीय निरीक्षण कर चुके हैं। सैटेलाइट इमेज के जरिए भी क्षेत्र की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। उनका कहना है कि क्षेत्र के सर्वाधिक प्रभावित खानपुर व नारसन तथा लक्सर क्षेत्र के करीब दर्जनभर गांवों को सर्वाधिक प्रभावित माना गया है जिनमें आपदा राहत सामग्री भेजने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए एक किट तैयार कर प्रभावितों तक पहुंचाई जाएगी जिससे उन्हें खाने पीने का सामान और दवाएं आदि मिल सके। हरिद्वार कें लक्सर में रेलवे ट्रैक पर पानी भरा हुआ है जिससे रेल यातायात प्रभावित हुआ है। ग्रामीणों ने घरों में पानी भरने के कारण रेलवे स्टेशन पर शरण ली हुई है। सोनाली नदी में आए उफान और तटबंध टूटने के कारण क्षेत्र के अनेक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सीएम के दौरे के बाद भी प्रशासन ने अभी तक उनकी कोई सुध नहीं ली है।
उधर जिलाधिकारी हरिद्वार आज हिल बाईपास रोड का निरीक्षण करने पहुंचे उनका कहना है कि कावड़ यात्रा को सुचारू संचालित करने के लिए बनाए गए इस मार्ग की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि इसे ठीक कर पाना संभव नहीं है। हरिद्वार में हुई तबाही पर किसान नेता हरेंद्र सिंह लाडी का कहना है कि सरकार को किसानों की खराब हुई फसलों का मुआवजा देना चाहिए। लेकिन अभी तो कोई नुकसान का आकलन करने वाला भी नहीं है कृषि मंत्री गणेश जोशी अभी दिल्ली में हैं। उधर भाजपा के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम का कहना है कि कांग्रेसी नेता आपदा पर राजनीति कर रहे हैं उन्होंने कहा कि बारिश के कारण जिसका भी नुकसान हुआ है सरकार सभी की मदद करेगी।

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