रजिस्ट्रेशन में 15 जून तक लगाई रोक
धामों में यात्रियों की भीड़, व्यवस्था धड़ाम
देहरादून। खराब मौसम की मार अब चारधाम यात्रियों के लिए परेशानी का बड़ा सबब बनती जा रही है। बारिश और बर्फबारी के बीच दरकते पहाड़ और सड़कों पर मलबा तथा कीचड़ के कारण यात्रियों पर न सिर्फ जान का खतरा बन चुके हैं बल्कि उन्हें अन्य कई तरह की दिक्कतों से भी दो—चार होना पड़ रहा है। धामों की व्यवस्थाएं चरमरा चुकी है। खास बात यह है कि शासन—प्रशासन की रोकथाम और अपील के बाद भी भारी संख्या में यात्री धामों में पहुंच रहे हैं।
राज्य में लगातार हो रही बारिश, ओलावृष्टि और बर्फबारी का क्रम जारी है जिसके कारण अब भूस्खलन की स्थिति पैदा हो गई है। बात चाहे गंगोत्री हाईवे की हो जहां गंगनानी के पास सड़क पर मलबा और कीचड़ के कारण आवाजाही मुश्किल हो गई और जाम लगा रहता है अथवा यमुनोत्री हाईवे की जहां डबरकोट के पास ऐसा भूस्खलन जोन बन गया है कि कई—कई घंटे तक मार्ग अवरुद्ध रहता है और कई—कई किलोमीटर लंबे जाम में यात्री फंसे रहते हैं। जानकीचटृी से लेकर यमुनोत्री तक का सफर अत्यंत ही दूभर हो चुका है। वही केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को सोनप्रयाग से लेकर गौरीकुंड और धाम तक जिस तरह के कठिन मार्ग से गुजरना पड़ रहा है वह जान जोखिम में डालने से कम नहीं है।
उधर पिथौरागढ़ से प्राप्त समाचार के अनुसार तवाघाट लिपुलेख मार्ग पर भारी भूस्खलन होने की खबर है। चीन के बॉर्डर को जोड़ने वाले इस मार्ग पर हुए भारी भूस्खलन के कारण आदि कैलाश की यात्रा भी प्रभावित हो रही है। यह तीसरी बार है जब इस मार्ग पर भूस्खलन के कारण यातायात बंद हुआ है। यहां आवाजाही ठप होने से मार्ग के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई है तथा बीआरओ की टीम रास्ता खोलने में जुटी हुई है। यही नहीं देहरादून से लेकर चमोली तक और मसूरी तक बारिश और आंधी तूफान से तबाही मची हुई है। मसूरी—कैम्पटी रोड पर पहाड़ से आए पानी और मलबे के कारण इस रोड पर आना जाना मुश्किल हो गया है।
शासन—प्रशासन द्वारा तमाम एहतियात बरते जा रहे हैं केदार धाम के लिए अब 15 जून तक के लिए रजिस्ट्रेशन बंद कर दिए गए हैं लेकिन फिर भी धाम में क्षमता से अधिक यात्री पहुंच रहे हैं। मौसम विभाग द्वारा 3 जून तक राज्य में ऐसा ही खराब मौसम रहने की चेतावनी दी गई है। खराब मौसम के बीच यात्रा का जारी रहना कभी भी बड़ी मुसीबत का सबब बन सकता है।