धाम पहुंची केदार बाबा की डोली

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कल सुबह 6ः20 पर खुलेंगे कपाट
मुश्किल सफर पर आस्था का रंग भारी
डीएम—एसपी ने लिया व्यवस्थाओं का जायजा

रुद्रप्रयाग। केदारघाटी में मौसम का मिजाज बदला हुआ है आसमान पर बादल छाए हुए हैं, रुक—रुक कर बर्फबारी हो रही है। घाटी में चारों ओर मोटी बर्फ की सफेद चादर बिछी हुई है। खराब मौसम के बीच भी श्रद्धालुओं का धाम पहुंचने का सिलसिला जारी है वहीं आज सुबह अपने अंतिम विश्राम स्थल गौरीकुंड से रवाना होकर केदार बाबा की पंचमुखी चल विग्रह डोली आज अपराहं धाम पहुंच चुकी है, कल सुबह 6ः20 बजे केदारनाथ मंदिर के कपाट विधि विधान के साथ खोले जाएंगे।
मौसम की बेरुखी के कारण धाम के कपाट खोलने की तैयारियां भी देरी से चल रही है आज तैयारियों का अंतिम दिन है, आज भी मंदिर को फूलों से सजाने और बर्फ हटाने व टेंट लगाने का काम ही शाम तक जारी रहा। धाम में पहुंचे श्रद्धालु भी बाबा का धाम सजाने की तैयारियों में जुटे हुए हैं। धाम में लगातार बर्फबारी के कारण तापमान शून्य से भी नीचे पहुंच गया है कड़ाके की सर्दी के बीच आज दिनभर कपाट खोलने की तैयारियां जारी रही वहीं श्रद्धालुओं का उत्साह और आस्था राह की मुश्किलों पर भारी पड़ती देखी गई। देर शाम तक श्रद्धालुओं का धाम पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। इन श्रद्धालुओं में देश ही नहीं विदेशों से भी आए श्रद्धालु मौजूद हैं। खराब मौसम के कारण हालांकि इस बार कपाट खुलने के समय धाम में श्रद्धालुओं की संख्या उतनी नहीं देखी जा रही है जितनी हर साल रहती थी।
उधर आज अपने शीतकालीन प्रवास स्थल ओमकारेश्वर मंदिर से 3 दिन पूर्व रवाना हुई बाबा केदार की पंचमुखी डोली अपने अंतिम विश्राम स्थल गौरीकुंड से रवाना होकर दोपहर 3ः00 बजे के करीब केदारधाम पहुंच चुकी है। इस बीच जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग और एसपी ने धाम जाकर धाम की व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया। उल्लेखनीय है कि बीते कल से धाम में 2 से 3 फुट तक बर्फबारी हुई तथा अभी बर्फबारी का क्रम जारी है। जिसके कारण श्रद्धालुओं को तथा मंदिर समिति और जिला प्रशासन को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
मौसम विभाग की चेतावनी है कि 25 से 29 अप्रैल तक धाम में इसी तरह का मौसम रहेगा जिसके मद्देनजर प्रशासन द्वारा पहले ही सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है।

गौरीकुंड व सोनप्रयाग मे रोके श्रद्धालु

रुद्रप्रयाग। केदार धाम में हो रही बर्फबारी के कारण धाम में पर्याप्त यात्री व्यवस्था नहीं हो पाई है। जिसके कारण जिला प्रशासन द्वारा बड़ी संख्या में यात्रियों को गौरीकुंड और सोनप्रयाग के विश्राम स्थलों पर ही रोक दिया गया है। हालांकि इन सभी श्रद्धालुओें की इच्छा थी कि वह कपाट खुलने के समय बाबा के प्रथम दर्शन व अखंड ज्योति दर्शन के साक्षी बने। लेकिन मौसम की विसंगतियों और प्रशासन की एहतियाती सख्ती के कारण उनकी यह मनोकामना पूरी नहीं हो सकेगी। श्रद्धालुओं ने इस रुकावट पर मलाल जताते हुए कहा कि हमने तो बहुत प्रयास किए लेकिन शायद बाबा की यही इच्छा रही होगी। देखते हैं कि बाबा कब उन्हें दर्शन देंगे।

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