मुंबई। शाहरुख खान की मुश्किलों का अंत होता नहीं दिख रहा है। बेशरम रंग में जिस तरह भारतीय भावनाओं को कला के नाम पर सरेआम बेहूदगी के साथ अपमानित किया गया, उसे लेकर लोगों में जबरदस्त गुस्सा नजर आ रहा है। इस बीच पठान की पथरीली राह में दक्षिण के सिनेमा ने भी अपनी तरफ से एक बड़ा चट्टान धकेल दिया है। पठान रिपब्लिक डे वीक पर 25 जनवरी को रिलीज होगी। उससे ठीक पांच दिन पहले ही यानी 20 जनवरी को तेलुगु महानायक और जूनियर एनटीआर के चाचा बालकृष्ण की एक्शन एंटरटेनर ‘अखंडा’ आ रही है। अखंडा की रिलीज को पठान के सामने चट्टानी चुनौती के रूप में ही देखा जाएगा। क्योंकि यह फिल्म सालभर पहले ही तेलुगु में रिलीज हो चुकी है। अब सालभर बाद अचानक हिंदी में डब कर रिलीज करने को तो एक रणनीतिक चुनौती ही मानेंगे। यह फिल्म है तो एक आधुनिक कहानी जिसमें सही और गलत के बीच के संघर्ष को दिखाया गया है। मगर फिल्म के विजुअल हिंदुत्व और भारतीयता में रचे-बसे हैं। एक ऐसा समाज जहां अन्याय की वजह से धर्म की हानि हुई है वहां देव शासनम यानी ईश्वर के शासन की स्थापना का महासंघर्ष दिखाया गया है। भारतीय परंपरा में धर्म सिर्फ पूजा पाठ नहीं है। ईश्वर और पूजा पाठ तो एक डोर है जो समूचे समाज को एक सूत्र में बांधने का प्रयास करता है। अखंडा में जबरदस्त एक्शन और स्टंट के दृश्य हैं। सच में कई दृश्य तो ऐसे हैं- जिन्हें देखकर रौंगटे खड़े हो जाते हैं। मुख्य भूमिका बालकृष्ण ने निभाई है। उनके माथे पर त्रिपुंड, गले और कलाई में रुद्राक्ष, हाथ में त्रिशूल और भगवान शिव का बैकग्राउंड एक अलग ही विजुअल एक्सपीरियंस है।