कोरोना संक्रमण को लेकर चीन से आने वाली खबरों ने भारत, अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन की सरकारों के भी कान खड़े कर दिए हैं। 3 साल पूर्व चीन के बुहान से निकले एक खतरनाक वायरस ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचा दिया था। करोड़ों लोगों को मौत की नींद सुला देने वाली इस महामारी ने भले ही पहले चीन को कितना भी कम नुकसान पहुंचाया हो लेकिन अब जो खबरें चीन से आ रही हैं वह डराने वाली हैं। यहां अब कोरोना संक्रमितोेंं को अस्पतालों में भर्ती करने की जगह नहीं बची है तथा शवदाह गृहों के बाहर लंबी लंबी कतारें लगी है और मेडिकल स्टोर रूम पर आई ब्रुफिन जैसी दवाएं नहीं मिल पा रही हैं। हालात इतने खराब हो गए हैं कि विशेषज्ञों द्वारा आगामी 3 माह में चीन की कुल आबादी का 60 प्रतिशत इस महामारी की चपेट में आने तथा 10 लाख से अधिक लोगों की मौत होने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। अभी जब चीन में कोरोना संक्रमण बढ़ना शुरू हुआ था तब चीन की सरकार द्वारा जीरो टोलरेंस की पॉलिसी घोषित करते हुए कठोर पाबंदियां लगा दी गई थी जिसके खिलाफ चीन में जन विद्रोह देखने को मिला था। इसके बाद चीन की सरकार ने सभी पाबंदिया हटा दी और अब उसकी सोच है कि चाहे जिसे कोरोना हो चाहे जो मरे लेकिन जो कुछ होना है वह जल्द से जल्द हो जाए। जल्दी पीक पर आए और जल्द ही महामारी का अंत हो। बीते समय में चीन ने दावा किया था कि उसके यहां कोरोना से 5 हजार से भी कम मौतें हुई हैं। जबकि भारत जैसे देश में बीते 2 सालों में कोरोना से साढे़ पांच लाख से भी अधिक मौतें हुई थी अमेरिका और ब्रिटेन को तो इसका सबसे बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था। चीन में कोरोना के बिगड़ते हालात को लेकर अब विश्व के तमाम देशों में अब वैसी चिंताएं देखी जा रही है जैसी 3 साल पहले देखी गई थी। भारत सरकार द्वारा भी अब सभी राज्यों को इसे लेकर अलर्ट किया गया है कि वह इस पर नजर बनाकर रखें। भारत में अभी भी लगातार कोरोना के केस मिलने व उससे होने वाली मौतों का सिलसिला जारी है बीते 24 घंटों में 112 नए केस मिले हैं तथा 2 लोगों की मौत हुई है देश में अभी कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या साढ़े तीन हजार से ऊपर है। खास बात यह है कि जहां अब आम आदमी पर कोई कोरोना पाबंदियंा नहीं रही है और लोग पूरी तरह से लापरवाह हो चुके हैं वहीं टेस्टिंग की भी अब महज औपचारिकता भर निभाई जा रही है। ऐसे में अगर कोरोना की नई लहर आती है तो उसके तेजी से फैलने की संभावनाओं से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। किसी भी महामारी को अगर हल्के में लिया जाता है तो उसे परिणाम अति भयंकर हो सकते हैं जैसा कि इस समय चीन में देखा जा रहा है इसलिए इस संभावित खतरे को लेकर अलर्ट रहने की जरूरत है।